विलेपार्ले में जैन मंदिर तोड़े जाने पर उबाल, जैन समाज की शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त रैली

मुंबई। विलेपार्ले में स्थित ऐतिहासिक जैन मंदिर को तोड़े जाने की घटना ने जैन समाज में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। शनिवार को समाज के सैकड़ों लोगों ने एक शांतिपूर्ण लेकिन दृढ़ रैली निकालकर मुंबई नगर निगम के खिलाफ विरोध दर्ज किया। रैली में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, स्थानीय भाजपा विधायक पराग अलवणी और कई जैन संतों की उपस्थिति ने इसे और भी मजबूत संदेश दिया।

जैन समाज की प्रमुख मांगें हैं—उसी स्थान पर तत्काल नए जैन मंदिर का निर्माण और इस दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई के लिए जिम्मेदार मुंबई नगर निगम के सहायक आयुक्त का निलंबन।

मंदिर ट्रस्टी अनिल शाह ने खुलासा किया कि अदालत में मामले की सुनवाई गुरुवार को होनी थी, लेकिन निगम ने कानून की प्रक्रिया का अनादर करते हुए बुधवार को ही मंदिर गिरा दिया। उन्होंने कहा, “यह न केवल न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि हमारी आस्थाओं और भावनाओं पर सीधा प्रहार है।”

रैली की शुरुआत कांबलीवाड़ी के नेमिनाथ सहकारी आवासीय परिसर में स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन चैतालय मंदिर से हुई, जो अब टूट चुका है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन अंधेरी स्थित मुंबई नगर निगम के विभागीय कार्यालय तक पहुंचा, जहां समाज ने अपनी आवाज बुलंद की।

इस आंदोलन में जैन समाज के अलावा भाजपा और अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने भी एकजुटता दिखाई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह केवल एक धार्मिक स्थल का मुद्दा नहीं, बल्कि आस्था, न्याय और संवैधानिक प्रक्रिया का सवाल है।

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