नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा में विदेशी तत्वों की भूमिका सामने आ रही है। गृह मंत्रालय को दी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस हिंसा में कुछ बांग्लादेशी उपद्रवियों के शामिल होने के संकेत मिले हैं। हालात पर काबू पाने के लिए जंगीपुर, धुलियान, सुती और शमशेरगंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बीएसएफ, सीआरपीएफ, राज्य सशस्त्र पुलिस और आरएएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, बीते 48 घंटों में किसी नई हिंसक घटना की खबर नहीं है और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
बीएसएफ अधिकारी ने किया दौरा, बढ़ाई गई सुरक्षा
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी रवि गांधी ने भी प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और राज्य पुलिस के साथ मिलकर कानून व्यवस्था को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा की। अब तक इस मामले में कुल 210 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
वापस पटरी पर लौट रही जिंदगी
बंगाल पुलिस के अनुसार, अब इलाके में दुकानें खुलने लगी हैं और हिंसा के कारण घर छोड़ने वाले लोग वापस लौट रहे हैं। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार और शनिवार को वक्फ कानून के विरोध में निकाले गए प्रदर्शन अचानक उग्र हो गए थे, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।
टीएमसी सांसद की शांति की अपील
जंगीपुर के टीएमसी सांसद खलीलुर रहमान ने हालात में सुधार की जानकारी देते हुए लोगों से अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की है। जिला प्रशासन अब उन लोगों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्हें हिंसा के दौरान हुई संपत्ति की क्षति के लिए मुआवजा दिया जाएगा।
भांगर में भी भड़की हिंसा
इधर, दक्षिण 24 परगना के भांगर इलाके में भी वक्फ कानून को लेकर सोमवार को तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हुए। कुछ पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। यह झड़प उस वक्त हुई जब पुलिस ने आईएसएफ नेताओं की रैली में लोगों को शामिल होने से रोकने की कोशिश की। फिलहाल, भांगर में बसंती हाईवे पर यातायात सामान्य है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।