नई दिल्ली। लोकसभा ने बुधवार देर रात विस्तृत चर्चा के बाद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कर दिया। मत विभाजन में विधेयक के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 मत पड़े। विपक्ष द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधन वोटिंग के दौरान खारिज कर दिए गए।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यक सबसे अधिक सुरक्षित हैं और इसका श्रेय देश के बहुसंख्यक समुदाय के धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण को जाता है। उन्होंने जोर दिया कि इस विधेयक के लागू होने से गरीब और पिछड़े मुसलमानों को लाभ मिलेगा।
रिजिजू ने कहा कि पहले वक्फ संपत्तियों को केवल मौखिक घोषणा के आधार पर दर्ज किया जा सकता था, लेकिन संशोधित विधेयक में अब इसके लिए दस्तावेजी प्रमाण अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में अधिकांश वक्फ संपत्तियों का उपयोग चैरिटेबल कार्यों के लिए नहीं हो रहा है।
विपक्ष के रुख की आलोचना करते हुए रिजिजू ने कहा कि वे विधेयक को असंवैधानिक बता रहे हैं, लेकिन इसके पीछे कोई ठोस तर्क नहीं दे पा रहे। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष इस विधेयक पर सार्थक चर्चा करने के बजाय कलेक्टर की भूमिका पर सवाल उठा रहा है, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों पर भरोसा किया जाना चाहिए।
इससे पहले, चर्चा की शुरुआत करते हुए मंत्री ने स्पष्ट किया था कि यह विधेयक केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है और किसी भी धार्मिक मुद्दे से इसका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष मुसलमानों को अपने वोट बैंक के रूप में देखता है और उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
इसके साथ ही निष्क्रिय हो चुके पुराने अधिनियम को हटाने के लिए ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025’ भी पेश किया गया। नए विधेयक का नाम अंग्रेजी में यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपावरमेंट इफिशिएंट एंड डेवलपमेंट बिल (उम्मीद बिल) रखा गया है, जिसे हिंदी में एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम कहा जाएगा।