लंदन। जसप्रीत बुमराह ने लॉर्ड्स की ऐतिहासिक जमीन पर इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट झटककर न सिर्फ भारतीय टीम को मजबूती दी, बल्कि अपना नाम भी प्रतिष्ठित ‘ऑनर्स बोर्ड’ पर दर्ज करा लिया। लेकिन इस सफलता के पीछे सिर्फ दमदार गेंदबाज़ी नहीं, बल्कि पिछली हारों से ली गई सीख भी छिपी है।
बुमराह ने मैच के बाद खुलासा किया कि 2021 के इंग्लैंड दौरे से उन्होंने काफी कुछ सीखा था। उस समय लॉर्ड्स की ढलान (slope) को लेकर उन्होंने काफी रणनीति बनाई थी, लेकिन परिणाम नहीं मिले। इस बार उन्होंने उस सोच को किनारे रखकर बस खेल पर ध्यान दिया — और नतीजा शानदार रहा।
तेज गेंदबाज़ी का करिश्मा:
दूसरे दिन बुमराह ने पहले सेशन में ही जो रूट (104), बेन स्टोक्स (44) और क्रिस वोक्स (0) को पवेलियन की राह दिखाई। इसके बाद उन्होंने जोफ्रा आर्चर और ब्रायडन कार्स को भी आउट कर पांच विकेट पूरे किए। इंग्लैंड की पूरी टीम पहली पारी में 387 रन पर ऑलआउट हो गई। बुमराह ने 27 ओवर में 74 रन देकर पांच शिकार किए।
बुमराह ने कहा, “इस बार मैंने मौसम और नई गेंद का भरपूर फायदा उठाया। पिछली बार यही गलती थी। अब जाकर लग रहा है कि लॉर्ड्स में नाम दर्ज कराना वाकई खास अनुभव है। ये लम्हा मैं अपने बेटे के साथ ज़रूर साझा करना चाहूंगा।”
टीम इंडिया की पारी की शुरुआत:
बल्लेबाज़ी में भारत ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक 3 विकेट पर 145 रन बना लिए थे। यशस्वी जायसवाल (13), शुभमन गिल (16) और करुण नायर (40) पवेलियन लौट चुके हैं। वहीं केएल राहुल 53 रन बनाकर टिके हुए हैं, जबकि ऋषभ पंत 19 रन पर नाबाद हैं।
लॉर्ड्स में बुमराह का ये प्रदर्शन न सिर्फ टीम इंडिया को बढ़त दिला रहा है, बल्कि टेस्ट इतिहास में उनकी जगह और भी मजबूत कर रहा है।