सियोल। दक्षिण कोरिया ने पांच साल के लिए अपना नया राष्ट्रपति चुन लिया है। विवादों और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हुए उपचुनाव में जनता ने उदारवादी डेमोक्रेटिक पार्टी (डीपीके) के नेता ली जे-म्योंग पर भरोसा जताया है। मंगलवार को हुए इस चुनाव में उन्होंने 49.42% वोट हासिल कर साफ़ बहुमत से जीत दर्ज की।
मार्शल लॉ की विवादास्पद घोषणा के बाद पैदा हुए अस्थिर माहौल में यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा था। ली की जीत को न सिर्फ लोकतंत्र की जीत माना जा रहा है, बल्कि यह संकेत भी है कि कोरियाई जनता स्थिरता और बदलाव चाहती है।
बुधवार सुबह 6:21 बजे ली जे-म्योंग ने आधिकारिक रूप से अपने कार्यकाल की शुरुआत की। चुनाव आयोग द्वारा जीत की पुष्टि के साथ ही उन्हें राष्ट्रपति के सभी अधिकार सौंप दिए गए। अब वे दक्षिण कोरिया की सशस्त्र सेनाओं के सुप्रीम कमांडर भी होंगे।
चुनाव में उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी रहे रूढ़िवादी पीपुल्स पावर पार्टी के किम मून-सू को 41.15% और रिफॉर्म पार्टी के ली जुन-सोक को 8.34% वोट मिले। जीत के बाद अपने पहले भाषण में ली ने आर्थिक सुधार, लोकतंत्र की मजबूती और राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया।
आज ली को औपचारिक रूप से सैन्य कमान सौंपी जाएगी। इसके बाद वह सियोल नेशनल सेमेट्री जाकर श्रद्धांजलि देंगे और फिर सुबह 11 बजे नेशनल असेंबली में उद्घाटन समारोह में शिरकत करेंगे, जहां करीब 300 गणमान्य अतिथियों के शामिल होने की संभावना है। इनमें न्यायपालिका, संवैधानिक संस्थाओं, विभिन्न राजनीतिक दलों, धार्मिक संगठनों और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
खबर है कि आज दोपहर बाद ली जे-म्योंग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत भी कर सकते हैं, जो उनके अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक एजेंडे की शुरुआत मानी जा रही है।
ली की इस ऐतिहासिक जीत से दक्षिण कोरिया में एक नई राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हो चुकी है।