प्रयागराज। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव आज प्रयागराज जंक्शन पहुंचे, जहां उन्होंने महाकुंभ के दौरान रेलवे की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और रेलवे अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति और सामाजिक समरसता का प्रतीक है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह भव्य आयोजन संभव हुआ। उन्होंने इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अहम भूमिका की सराहना की, साथ ही बिहार और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों का भी धन्यवाद किया। वैष्णव ने कहा कि इन राज्यों के सहयोग से रेलवे ने बेहतर समन्वय स्थापित किया, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा की सुविधा मिली।
श्रद्धालुओं के लिए रेलवे की विशेष व्यवस्था
रेलमंत्री ने बताया कि शुरुआत में रेलवे ने 13,000 ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई थी, लेकिन श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित संख्या को देखते हुए 16,000 से अधिक ट्रेनों का सफल संचालन किया गया। इस दौरान करीब 4.5 से 5 करोड़ श्रद्धालु सुरक्षित रूप से महाकुंभ पहुंचे और संगम में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि रेलवे ने राज्य पुलिस, आरपीएफ, जीआरपी और रेपिड एक्शन फोर्स के साथ मिलकर प्रभावी भीड़ प्रबंधन किया, जिससे व्यवस्था सुचारु बनी रही।
श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता
रेलमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार, श्रद्धालुओं को केवल भीड़ न मानकर उनकी भक्ति और आस्था को प्राथमिकता दी गई। इसी सोच के साथ रेलवे ने कई नवाचार किए, जिनमें खुसरोबाग, झूंसी, नैनी, छिवकी, प्रयाग जंक्शन और प्रयागराज जंक्शन में विशाल होर्डिंग एरिया विकसित किए गए। इससे यात्रियों को आसानी से मार्गदर्शन मिला और भीड़ नियंत्रण प्रभावी तरीके से किया गया।
महाकुंभ से मिली सीख को रेलवे मैनुअल में शामिल किया जाएगा
रेलमंत्री ने कहा कि इस महाकुंभ से प्राप्त अनुभवों को रेलवे मैनुअल में स्थायी रूप से दर्ज किया जाएगा, ताकि भविष्य में अन्य बड़े आयोजनों में इनका लाभ उठाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे अपने भीड़ प्रबंधन और यात्री सुविधाओं में सुधार करने के लिए इस ऐतिहासिक अनुभव का उपयोग करेगा, जिससे यात्रियों को देशभर में बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।