मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक का आगाज़ बुधवार को मुंबई में हो गया है। गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में चल रही इस बैठक पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं, क्योंकि लगातार तीसरी बार रेपो रेट में 0.25% की कटौती की उम्मीद जताई जा रही है।
जानकारों का मानना है कि महंगाई दर में नरमी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच विकास को गति देने के उद्देश्य से RBI एक बार फिर राहत दे सकता है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार 6 जून को जब बैठक का परिणाम सामने आएगा, तब रेपो रेट को 6% से घटाकर 5.75% किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि देश में खुदरा महंगाई दर लगातार गिर रही है और अब यह छह साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। अप्रैल में खुदरा महंगाई दर गिरकर 3.34% पर आ गई, जो फरवरी में 3.61% थी। ऐसे में रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में कटौती के लिए अनुकूल माहौल मिल गया है।
पिछली दो बैठकों में भी RBI ने 0.25-0.25% की कटौती की थी, जिससे रेपो रेट 6.50% से घटकर 6% हो गया था। अब एक बार फिर यही रुख दोहराए जाने की संभावना है। साथ ही यह भी उम्मीद है कि इस बैठक में RBI आर्थिक वृद्धि और महंगाई दर के अपने पूर्वानुमानों में बदलाव कर सकता है।
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रही है, जो कि पिछले वर्ष के 9.2% के मुकाबले कम है। हालांकि जनवरी-मार्च तिमाही में 7.4% की विकास दर ने बाजार को चौंका दिया था। अब यदि RBI रेपो रेट में कटौती करता है तो यह कर्ज लेने वालों को राहत देने के साथ-साथ निवेश और खपत को भी नई ऊर्जा देगा।