मुंबई: करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म ‘धड़क-2’ को आखिरकार सेंसर बोर्ड से U/A सर्टिफिकेट मिल गया है, लेकिन इसके लिए बोर्ड ने फिल्म के 16 सीन्स में बड़े बदलाव कराए हैं। शाजिया इकबाल के निर्देशन में बनी यह फिल्म पहले ही कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी दमदार स्क्रीनिंग और जमकर तारीफें बटोर चुकी है, लेकिन भारत में रिलीज़ से पहले इसे सेंसर बोर्ड की सख्ती का सामना करना पड़ा।
‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंसर बोर्ड ने फिल्म से कई राजनीतिक डायलॉग्स, जातिसूचक शब्द और कुछ सीन बदले या म्यूट करने को कहा है। जानिए किन-किन प्रमुख बदलावों से गुजरनी पड़ी है फिल्म को:
- डायलॉग “3,000 साल का बैकलॉग सिर्फ 70 साल में पूरा नहीं होगा” को बदला गया है, अब यह होगा – “इतने सालों का बैकलॉग सिर्फ 70 सालों में पूरा नहीं हो सकता।”
- बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के संदर्भ वाले डायलॉग “निलेश, ये कलम देख रहे हो, वे दुनिया पर राज कर रहे हैं” को बदलकर “ये छोटा सा ढक्कन पूरी कलम का थोड़ा सा हिस्सा है और बाकी के हैं हम…” कर दिया गया।
- जातिसूचक शब्दों को म्यूट कर ‘जंगली’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया।
- डायलॉग “ये धर्म का काम है” को बदलकर “ये पुण्य का काम है” किया गया।
- “सवर्णों के सड़क… हमें जला देते थे…” जैसे डायलॉग को “ना सड़के हमारी थी, ना ज़मीन हमारी थी…” में बदला गया।
- महिला के खिलाफ हिंसा के एक सीन को ब्लैक स्क्रीन में बदल दिया गया।
- ‘ठाकुर का कुआं’ कविता के पाठ पर सेंसर लगा।
- संत तुलसीदास के दोहे पर बने गाने को भी बदलवाया गया।
- फिल्म की शुरुआत में 20 सेकेंड के डिस्क्लेमर को बढ़ाकर 1 मिनट 51 सेकेंड कर दिया गया, साथ ही इसे जोर से पढ़ने का निर्देश भी दिया गया।
- तीन विज़ुअल्स कट किए गए, जिनमें एक सीन है जहां निलेश (दलित किरदार) पर पेशाब किया जाता है, इसे हटाया गया।
- निलेश के पिता को अपमानित करने वाले सीन को भी छोटा कर दिया गया।
फिल्म की खासियत: सिद्धांत-तृप्ति की जोड़ी और जाति पर पनपती प्रेम कहानी
‘धड़क-2’ में सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी की जोड़ी पहली बार सिल्वर स्क्रीन पर नज़र आएगी। फिल्म में जाति के संवेदनशील मुद्दे को बड़ी खूबसूरती से पेश किया गया है। निलेश और विदिषा की अलग-अलग जाति से आने वाली प्रेम कहानी पर आधारित यह फिल्म सवाल उठाती है कि क्या समाज की दीवारें उनके प्यार को रोकेगी या नहीं।
शाजिया इकबाल के निर्देशन में बनी यह फिल्म फैंस के लिए एक नई सोच लेकर आ रही है, लेकिन सेंसर बोर्ड की सख्ती ने इसे कई बार कतरने पर मजबूर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि दर्शक इसे कैसे स्वीकारते हैं।
