रियो डी जेनेरियो: ब्रिक्स देशों की उच्च स्तरीय बैठकों में हिस्सा लेने पहुंचीं भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस, ब्राजील और चीन के समकक्षों के साथ व्यापक द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। इन मुलाकातों के दौरान वैश्विक सहयोग, रणनीतिक साझेदारी और विकासशील देशों की आवाज को मजबूती देने जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
रूसी वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव के साथ बैठक में सीतारमण ने भारत-रूस की दीर्घकालिक और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की सराहना की। उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा जताए गए समर्थन के लिए आभार भी जताया। सीतारमण ने यह भी दोहराया कि भारत और रूस के बीच आपसी विश्वास की नींव मज़बूत और अडिग है।
वित्त मंत्री ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) और वित्तीय क्षेत्र में सहयोग जैसे मुद्दों पर भी बातचीत की। साथ ही, ब्रिक्स में हाल ही में शुरू की गई पहलों के तौर-तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद से मुलाकात में दक्षिण-दक्षिण सहयोग, जलवायु वित्त, COP30 सम्मेलन की तैयारियां और संयुक्त राष्ट्र, जी20 व WTO जैसे वैश्विक मंचों पर समन्वय जैसे विषयों पर चर्चा हुई। सीतारमण ने ब्राजील की ब्रिक्स अध्यक्षता की सराहना करते हुए भरोसा जताया कि भारत 2026 में जब ब्रिक्स की कमान संभालेगा, तब यह साझेदारी और भी मजबूत होगी।
चीन के वित्त मंत्री लैन फोआन के साथ हुई बैठक में सीतारमण ने भारत और चीन को “समावेशी वैश्विक विकास और नवाचार” के दो बड़े स्तंभ करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों विशाल और तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाएं मिलकर वैश्विक नैरेटिव को नया आकार देने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
ब्रिक्स की इस अहम कूटनीतिक यात्रा में भारत ने फिर यह जता दिया कि वह वैश्विक दक्षिण की एक मजबूत आवाज है, जो सहयोग और साझेदारी के रास्ते से वैश्विक स्थिरता और विकास की दिशा में अग्रसर है।