राही सरनोबत ने सुनाई संघर्ष की कहानी, बीमारी से लड़कर जीता गोल्ड

देहरादून। अनुभवी पिस्टल शूटर और दो बार की ओलंपियन राही सरनोबत ने राष्ट्रीय खेल 2025 में शानदार वापसी करते हुए महिलाओं की 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत लिया। लेकिन यह जीत सिर्फ एक मेडल नहीं, बल्कि उनके जीवन के सबसे संघर्षपूर्ण दौर से उबरने की प्रेरणादायक कहानी है।

‘हाउस ऑफ ग्लोरी’ पॉडकास्ट (गगन नारंग स्पोर्ट्स फाउंडेशन की पहल) के हालिया एपिसोड में राही ने न्यूरोपैथिक पेन सिंड्रोम जैसी गंभीर और रहस्यमयी बीमारी से जूझने के अनुभव साझा किए। यह बीमारी उन्हें 2022 में तब हुई जब वे वर्ल्ड चैंपियनशिप के नेशनल कैंप की तैयारी कर रही थीं। राही ने बताया, “मैं बिस्तर पर लेट नहीं सकती थी, कई महीनों तक बैठकर सोई। शरीर में जलन, तंत्रिकाओं में दर्द था, और कोई डॉक्टर ठोस कारण नहीं बता पा रहा था।”

बाद में न्यूरोलॉजिकल जांचों से पता चला कि उन्हें न्यूरोपैथिक पेन सिंड्रोम है—एक ऐसी बीमारी जिसका न कोई निश्चित इलाज होता है, न कोई तय लक्षण। राही बताती हैं, “मैं दिन में 17-20 घंटे तक सोती थी और बस छत को घूरती रहती थी। उस वक्त मेरा सिर्फ एक सपना था—फिर से सामान्य जीवन जीना। खेल तो बहुत दूर की बात थी।”

यह पहली बार नहीं था जब राही ने वापसी की हो। 2014 में शूटिंग हाथ की कोहनी में चोट के कारण उन्हें सात महीने का ब्रेक लेना पड़ा था। लेकिन इस बार की चुनौती कहीं ज्यादा गंभीर और मानसिक रूप से तोड़ देने वाली थी। उन्होंने बताया, “पिछली बार चोट का इलाज और रिकवरी की प्रक्रिया तय थी, लेकिन इस बार मैं खुद को बचाने की कोशिश कर रही थी।”

रिकवरी का सफर भी आसान नहीं रहा। न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह पर उन्होंने फिजियोथेरेपी शुरू की, जिसमें उनकी पहली एक्सरसाइज बस 20 मिनट तक बैठकर टीवी देखना थी—जो वो पूरी भी नहीं कर पाईं। धीरे-धीरे, अपने फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से उन्होंने वापसी की राह पकड़ी।

आज राही खुद को एक बदली हुई एथलीट मानती हैं। उन्होंने कहा, “अब मैं सिर्फ अपने लिए खेलती हूं। यह मेरे सपने का हिस्सा है, जिसे पूरा करने के लिए मैं फिर से मैदान में उतरी हूं। अब मुझे कुछ खोने का डर नहीं, इसलिए मैं पहले से ज्यादा साहसी बन गई हूं।”

उन्होंने यह भी कहा, “मैं चाहती हूं लोग मुझे उस इंसान के रूप में याद करें, जिसने असंभव को संभव किया।”

राही की यह कहानी सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जीवन की असली जीत का प्रतीक है।

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