नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन कर दिया है। रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को NSAB का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मौजूदा क्षेत्रीय तनाव और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के बीच यह नियुक्ति बेहद अहम मानी जा रही है।
नवगठित सात सदस्यीय बोर्ड में रक्षा, पुलिस और कूटनीति के क्षेत्र से देश के दिग्गज विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इनमें एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) पीएम सिन्हा, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एके सिंह, रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) मोंटी खन्ना, पूर्व आईपीएस अधिकारी राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह, तथा पूर्व IFS अधिकारी बी. वेंकटेश वर्मा जैसे अनुभवी नाम शामिल हैं।
NSAB भारत सरकार की वह प्रमुख संस्था है जो राष्ट्रीय सुरक्षा, रणनीतिक मामलों और विदेश नीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर प्रधानमंत्री कार्यालय को सलाह देती है। इसकी स्थापना 19 नवंबर 1998 को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में की गई थी, जब ब्रजेश मिश्रा देश के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने थे।
आलोक जोशी की अगुवाई में यह बोर्ड भारत की सुरक्षा नीति को नए आयाम देने के लिए तैयार है, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया तेजी से बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों से गुजर रही है। क्या यह बदलाव भारत की रणनीतिक सोच में नया मोड़ साबित होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
