सोहरा। राजा रघुवंशी की दिल दहला देने वाली हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए मेघालय पुलिस अब अपराध स्थल पर ‘रीक्रिएशन’ यानी घटनाक्रम की पुनरावृत्ति के जरिए सच्चाई तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। मंगलवार सुबह एसआईटी (विशेष जांच दल), फोरेंसिक विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों की टीम ने वेई सॉडोंग फॉल्स के घटनास्थल पर पहुंचकर यह अहम प्रक्रिया शुरू की।
जांच को अधिक सटीक और वैज्ञानिक आधार देने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के जवानों को भी इस ऑपरेशन में शामिल किया गया है, ताकि रसद और सुरक्षा दोनों स्तरों पर कोई कमी न रहे।
इस रीक्रिएशन के लिए सभी पांच आरोपी—सोनम रघुवंशी, राज कुशवाह, आकाश, विशाल और आनंद—को घटनास्थल पर लाया गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इसका मकसद पूछताछ के दौरान दिए गए बयानों को घटनास्थल पर दोहराकर परखना है, ताकि यह तय किया जा सके कि आरोपियों के बयान वास्तव में घटनाक्रम से मेल खाते हैं या नहीं। इस प्रक्रिया में ‘वॉकथ्रू’ के अलावा फोरेंसिक स्तर पर भी सबूतों को रिकॉर्ड किया जा रहा है।
पुलिस को पहले ही एक अहम सबूत मिल चुका है—वह हथियार जो कथित तौर पर गुवाहाटी से खरीदा गया धारदार दाव बताया जा रहा है। जांचकर्ताओं का मानना है कि यही हथियार हत्या में इस्तेमाल हुआ और अब यह केस की कड़ी को जोड़ने में निर्णायक साबित हो सकता है।
ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक सायम ने पुष्टि की है कि केस में चार्जशीट तैयार करने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। उन्होंने कहा, “हम तथ्यों और सबूतों के आधार पर एक मजबूत केस तैयार कर रहे हैं, ताकि आरोपियों को कानून के तहत सज़ा दिलाई जा सके।”
क्राइम सीन का यह पुनर्निर्माण अब इस हाई-प्रोफाइल केस में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है, जिससे हत्या के पीछे की साजिश और भूमिका का पर्दाफाश होने की पूरी संभावना है।