राजनाथ सिंह की चीनी रक्षा मंत्री से अहम मुलाकात, कैलाश यात्रा की बहाली पर जताई खुशी, आतंकवाद पर कड़ा संदेश

किंगदाओ। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट के दौरान भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण राजनयिक क्षण देखने को मिला, जब भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर सकारात्मक और दूरदर्शी चर्चा की।

राजनाथ सिंह ने इस अहम बैठक की जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर दी। उन्होंने लिखा, “किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीनी समकक्ष डॉन जून से मुलाकात की। हमने भारत-चीन संबंधों से जुड़े अहम मुद्दों पर रचनात्मक विचार साझा किए। छह साल बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू होने पर मैंने खुशी जताई।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों देशों को रिश्तों में आई सकारात्मकता को बनाए रखना चाहिए और नए तनाव से बचना चाहिए। डॉन जून ने किंगदाओ पहुंचने पर राजनाथ सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया। बाद में सभी रक्षा मंत्रियों ने संयुक्त फोटो सेशन में भी हिस्सा लिया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने आतंकवाद पर भारत की स्पष्ट नीति को दोहराया। उन्होंने हाल ही में पहाेलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोगों की जान गई थी। उन्होंने बताया कि भारत ने इस हमले के बाद “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आत्मरक्षा का अधिकार इस्तेमाल करते हुए सीमा पार आतंक के ढांचे को निशाना बनाया।

राजनाथ सिंह ने एससीओ देशों से दोहरे मानदंडों को छोड़ने और आतंकवाद को समर्थन देने वालों को सख्त सजा देने की अपील की। यही कारण है कि भारत ने इस बैठक के संयुक्त घोषणापत्र का समर्थन नहीं किया, क्योंकि उसमें आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को शामिल नहीं किया गया था।

इस पूरी बैठक ने स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ मजबूत और सकारात्मक संबंध चाहता है, लेकिन आतंकवाद जैसे मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगा।

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