रक्षा मंत्री ने माउंट एवरेस्ट और माउंट कंचनजंघा अभियान को दिखाई हरी झंडी

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक से माउंट एवरेस्ट और माउंट कंचनजंघा अभियान के लिए पर्वतारोहियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अभियान में भारतीय सेना के 24 पर्वतारोही 10 एनसीसी कैडेट्स के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करेंगे, जबकि भारतीय और नेपाली सेना की संयुक्त टीम माउंट कंचनजंघा फतह करने के लिए निकली है।

अभियान की रूपरेखा

भारतीय सेना के माउंट एवरेस्ट अभियान में 10 एनसीसी कैडेट्स समेत कुल 34 पर्वतारोही शामिल हैं, जो लेफ्टिनेंट कर्नल मनोज जोशी के नेतृत्व में पारंपरिक साउथ कोल रूट से शिखर तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। अभियान का उद्देश्य माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर) पर चढ़कर तिरंगा फहराना है।

वहीं, माउंट कंचनजंघा (8,586 मीटर) के लिए संयुक्त भारत-नेपाल अभियान में भारतीय सेना के 12 और नेपाली सेना के छह पर्वतारोही भाग ले रहे हैं। इस अभियान का नेतृत्व भारतीय सेना के कर्नल सरफराज सिंह कर रहे हैं।

एनसीसी के पर्वतारोहण अभियान का नेतृत्व कर्नल अमित बिष्ट करेंगे। इस दल में पांच छात्राएं, पांच छात्र कैडेट्स, चार अधिकारी और 11 स्थायी प्रशिक्षक शामिल हैं। यह अभियान अप्रैल में शुरू होगा और मई तक शिखर पर पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।

रक्षा मंत्री की शुभकामनाएं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पर्वतारोहियों से बातचीत कर उनके साहस, समर्पण और दृढ़ संकल्प की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि यह अभियान युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगा और भारत को उच्च ऊंचाई वाले पर्वतारोहण में एक अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।

अभियान का महत्व

इन अभियानों को भारतीय सशस्त्र बलों के अद्वितीय कौशल और अटूट संकल्प को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया गया है। यह न केवल पर्वतारोहण में नए मानक स्थापित करेगा बल्कि युवाओं को साहस, संकल्प और उत्कृष्टता की भावना से अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा।

इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर पी. शर्मा, नेपाल का एक प्रतिनिधिमंडल और अन्य वरिष्ठ सैन्य एवं नागरिक अधिकारी उपस्थित रहे।

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