इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की आंतरिक मामलों की स्थायी समिति ने कराची में हुए मुस्तफा अमीर हत्याकांड पर संज्ञान लेते हुए सिंध के आईजी गुलाम नबी मेमन को नोटिस जारी किया है। उन्हें 28 फरवरी को समिति के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया है।
एआरवाई न्यूज के अनुसार, नोटिस में कहा गया है कि आईजी सिंध को अन्य संबंधित पुलिस अधिकारियों के साथ मामले की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करनी होगी। इससे पहले, सिंध हाई कोर्ट के निर्देशों के तहत सिंध गृह विभाग ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें मुस्तफा अमीर हत्या मामले की सुनवाई कर रही आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) 1 के न्यायाधीश की प्रशासनिक शक्तियां रद्द कर दी गईं। यह कदम तब उठाया गया जब एटीसी 1 के न्यायाधीश ने इस मामले के मुख्य आरोपित अर्माघन को रिमांड देने से इनकार कर दिया। अब इस मामले की सुनवाई एटीसी 3 के न्यायाधीश को सौंपी गई है।
इससे पहले, 26 फरवरी को पुलिस ने मुस्तफा अमीर हत्याकांड के दो आरोपितों, अर्माघन और शीराज, को न्यायिक मजिस्ट्रेट साउथ की अदालत में पेश किया। मजिस्ट्रेट ने जांच अधिकारी की लापरवाही पर नाराजगी जताई, क्योंकि आरोपितों की पहचान परेड नहीं कराई गई और न ही धारा 164 के तहत गवाहों के बयान दर्ज हो सके। अदालत ने आरोपितों के वकीलों को नोटिस जारी कर संदिग्धों को पुनः पेश करने का आदेश दिया।
गौरतलब है कि 6 जनवरी को कराची के डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी क्षेत्र में मुस्तफा अमीर का उसके दोस्तों ने अपहरण कर लिया था और कथित तौर पर हत्या कर दी थी। पुलिस के अनुसार, आरोपितों ने उसके शव को उसकी कार की डिक्की में रखकर बलूचिस्तान के हब इलाके में जलाने की कोशिश की थी।