कोलकाता। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को मुर्शिदाबाद हिंसा में मारे गए पिता-पुत्र के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन 10 लाख रुपये का मुआवजा राज्य सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए घोषित किया था, उन्हें परिवारों ने ठुकरा दिया, लेकिन उनकी ओर से दी गई मदद को परिवारों ने स्वीकार किया।
कलकत्ता हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी मुर्शिदाबाद पहुंचे। उन्होंने हिंसा से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की। एक मंदिर में जाकर उन्होंने ग्रामीणों को मूर्ति भी सौंपी।
इससे पहले, शुभेंदु अधिकारी ने हिंसा में मारे गए हरगोबिंद दास और चंदन दास के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें 10-10 लाख रुपये के चेक सौंपे। इस मौके पर उन्होंने राज्य सरकार की भूमिका की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वक्फ कानून में संशोधन के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
शुभेंदु ने बताया कि स्थानीय लोग इलाके में बीएसएफ कैंप की मांग कर रहे हैं और उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को वे हाई कोर्ट लेकर जाएंगे और केंद्र सरकार को भी इसकी जानकारी देंगे। अधिकारी ने कहा, “यह साबित हो चुका है कि ये हिंदू परिवार हैं। पूरा गांव डर के साये में जी रहा है। एनआईए से जांच की मांग भी उठ रही है। मुख्यमंत्री द्वारा भेजी गई मदद को परिवारों ने ठुकरा दिया है, लेकिन हमारी मदद को स्वीकार किया गया है।”
हाई कोर्ट ने शुभेंदु अधिकारी को मुर्शिदाबाद जाने की अनुमति दी थी, लेकिन यह शर्त रखी थी कि वे वहां कोई सभा नहीं करेंगे और न ही भड़काऊ बयान देंगे। उनके साथ केवल दो लोग जा सकते थे।