कोलकाता। वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों से प्रभावित पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है, यह जानकारी राज्य सरकार ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में दी। राज्य सरकार ने कोर्ट को सूचित किया कि पुलिस और प्रशासन ने स्थिति पर काबू पाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। वहीं, हिंसा से प्रभावित महिलाओं की पीड़ा पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है और इस पर कार्रवाई शुरू की है।
यह जानकारी उस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आई, जिसे विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दाखिल किया था। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम बहुल इलाके में साम्प्रदायिक दंगे हुए, बम धमाके हुए और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने की मांग की।
सीएपीएफ की तैनाती और जांच की मांग
इस मामले में केंद्रीय सरकार ने अदालत में कहा कि मुर्शिदाबाद में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती को और बढ़ाने की आवश्यकता है। फिलहाल जिले के संवेदनशील इलाकों जैसे सूती, शमशेरगंज और धूलियान में सीएपीएफ की 17 कंपनियां तैनात हैं।
एसआईटी की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
राज्य पुलिस ने हिंसा की जांच के लिए एक नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, और अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बीते सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद 11 अप्रैल को हिंसा ने विकराल रूप ले लिया था, जिसमें शमशेरगंज में हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस ने घटनास्थल से फोरेंसिक सैंपल भी जुटाए हैं और इलाके में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तैनाती की गई है। स्थानीय लोग स्थायी बीएसएफ कैंप की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने जमीन देने की पेशकश की है।
मुआवज़े को लेकर विवाद
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख का मुआवज़ा देने की घोषणा की थी, लेकिन पीड़ित परिवार ने इसे ठुकरा दिया। उनका कहना है कि जब उन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया, तो मुआवज़ा का कोई मतलब नहीं है। परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस समय पर पहुंचती, तो शायद जानें बच सकती थीं। फिलहाल, इलाके में अभी भी भय का माहौल बना हुआ है, और यहां तक कि 15 अप्रैल को मृतकों के श्राद्ध संस्कार में पुजारी और नाई भी डर के कारण नहीं पहुंचे।
प्रशासन का दावा – स्थिति सामान्य
दक्षिण बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुप्रतीम सरकार ने बताया कि अब स्थिति सामान्य हो गई है। सीआरपीएफ, राज्य पुलिस और संयुक्त बलों की तैनाती के साथ पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने शमशेरगंज थाने का दौरा किया और नियंत्रण कक्ष खोला है, ताकि किसी को भी समस्या हो, तो वह सीधे संपर्क कर सके।
विस्थापितों के लिए राहत
वक्फ बोर्ड संशोधन के खिलाफ हिंसा के बाद कई लोग अपने घर छोड़कर मालदा जिले के एक राहत शिविर में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। एक याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की कि सरकार इन विस्थापितों को उनके घर वापस भेजने की व्यवस्था करे। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि कुछ प्रभावित परिवार पहले ही अपने घर लौट चुके हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सक्रियता
हिंसा में विस्थापित महिलाओं की स्थिति पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है और शुक्रवार-शनिवार को मुर्शिदाबाद में अपनी टीम भेजने का निर्णय लिया है। आयोग की टीम जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से भी बातचीत करेगी और महिलाओं से मुलाकात करेगी।