नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य की ममता सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। भाजपा ने इस हमले की तुलना जम्मू-कश्मीर के कुख्यात पहलगाम हमले से करते हुए आरोप लगाया है कि यह हिंसा एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें हिन्दू समुदाय के घरों, संपत्तियों और जान-माल को निशाना बनाया गया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट ने तृणमूल सरकार के असली चेहरे को उजागर कर दिया है। रिपोर्ट उस टीम की है जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार और पश्चिम बंगाल न्यायिक सेवा के दो वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। त्रिवेदी ने बताया कि यह टीम राज्य सरकार से स्वतंत्र रूप से जांच कर रही थी और उसकी रिपोर्ट ममता शासन में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों की सच्चाई बयान करती है।
एसआईटी रिपोर्ट के हवाले से त्रिवेदी ने बताया कि 11 अप्रैल की दोपहर 2 बजे से हिंसा की शुरुआत हुई, जो स्थानीय टीएमसी नेता महमूद आलम के इशारे पर की गई। प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बने रहे और हालात बिगड़ते रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, 113 घरों को नुकसान पहुंचाया गया और सैकड़ों लोगों को मालदा की ओर पलायन करने को मजबूर होना पड़ा।
त्रिवेदी ने टीएमसी नेताओं के बयानों पर तंज कसते हुए कहा कि, “जब इतने भयावह हमले हुए, तब भी कुछ टीएमसी नेता कह रहे थे कि कुछ खास नहीं हुआ।” उन्होंने विपक्ष की चुप्पी पर भी निशाना साधा और कहा कि जो पाकिस्तान पर हमला करने पर सवाल उठाते हैं, वे हरगोविंद दास और चंदन दास जैसे निर्दोष हिन्दुओं की हत्या पर मौन क्यों हैं?
भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि विपक्ष की यह चुप्पी और पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति उनकी दोहरी मानसिकता को उजागर करती है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब बंगाल में हिंसा को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है और ममता सरकार पर सवालों की बौछार तेज हो गई है।