कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून में संशोधन के विरोध में शुक्रवार और शनिवार को भड़की हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 138 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मृतकों में एक पिता-पुत्र की भीड़ द्वारा हत्या और एक युवक की मौत सुरक्षा बलों की गोलीबारी में बताई गई है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अर्द्धसैनिक बलों ने शनिवार रातभर सूती और शमशेरगंज समेत संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया। रविवार सुबह भी रूट मार्च जारी रहा।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राज्य के संवेदनशील इलाकों में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का निर्देश दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने पहले से तैनात बीएसएफ जवानों के अतिरिक्त पांच और कंपनियां भेजीं।
शनिवार रात सुरक्षा बलों ने प्रभावित इलाकों में गश्त कर न केवल निगरानी की, बल्कि पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें सुरक्षा का भरोसा भी दिलाया। रविवार सुबह से राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने संयुक्त रूप से रूट मार्च शुरू किया, ताकि आम लोगों में विश्वास बहाल हो सके।
हालांकि हालात अब भी तनावपूर्ण हैं, लेकिन हाईकोर्ट की सख्ती, बलों की तैनाती और प्रशासनिक सक्रियता से स्थिति पर धीरे-धीरे नियंत्रण पाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से दूर रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है।
इस बीच तृणमूल सांसद खलीलुर रहमान ने संवेदनशील क्षेत्रों की सूची पुलिस अधीक्षक को सौंपी है। डीजीपी राजीव कुमार ने भी शमशेरगंज पहुंचकर हालात का जायजा लिया और रात को रूट मार्च में हिस्सा लिया।
हिंसा से डरे लोग पहुंचे मालदा, बनाए गए राहत शिविर
धुलियान में हिंसा से डरे कई हिंदू परिवार नदी के रास्ते भागकर मालदा जिले के पल्लारपुर गांव पहुंचे, जहां उनके लिए अस्थायी राहत शिविर की व्यवस्था की गई है। यहां 100 से अधिक लोग मौजूद हैं, जो अब भी भयभीत हैं और लौटने को तैयार नहीं।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि हिंसा शुरू होने के बाद पुलिस देर रात तक नदारद रही। कई लोगों का कहना है कि दंगाइयों ने खुलकर धमकियां दीं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। कई दुकानों को आग लगा दी गई और लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस खुद भी डरी हुई थी।
मुख्यमंत्री की अपील, भाजपा का आरोप
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक ताकतें समाज में विभाजन फैलाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
वहीं भाजपा ने आरोप लगाया कि हिंसा में विशेष रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया है। पार्टी नेताओं ने राज्य सरकार पर अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है।