मुंबई। मीठी नदी सफाई परियोजना में हुए कथित 65 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच एक बार फिर तेज हो गई है। इसी सिलसिले में बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दोबारा पूछताछ की। मुंबई स्थित ईडी कार्यालय में डिनो के साथ उनके भाई सैंटिनो मोरिया भी मौजूद थे।
यह पूछताछ उस समय फिर सुर्खियों में आ गई जब यह सामने आया कि डिनो मोरिया को ईडी ने 18 जून को समन भेजा था, लेकिन वे उस दिन उपस्थित नहीं हुए। सूत्रों की मानें तो अभिनेता को गिरफ्तारी का डर सता रहा था, इसलिए उन्होंने पूछताछ टालने की कोशिश की। हालांकि, अब एजेंसी के सामने वे पेश हुए और पूछताछ में शामिल हुए।
ईडी इस मामले में पहले भी डिनो मोरिया से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन हालिया छापेमारी और नए सबूतों के बाद एजेंसी को कुछ और अहम जानकारियों की जरूरत थी। कोच्चि और मुंबई सहित देशभर में 15 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे गए थे, जिनमें डिनो मोरिया का बांद्रा स्थित घर भी शामिल था।
क्या है मीठी नदी घोटाला?
करीब दो दशकों से मुंबई की मीठी नदी की सफाई और ड्रेजिंग (गाद हटाने) का कार्य चल रहा था। परियोजना का उद्देश्य था कि मुंबई को बाढ़ और जलभराव से बचाया जा सके। लेकिन जांच में सामने आया है कि जमीन पर काम किया ही नहीं गया, और सिर्फ फर्जी बिल और झूठी रिपोर्टों के आधार पर करोड़ों रुपये निकाले गए।
इतना ही नहीं, ड्रेजिंग के लिए उपकरण किराए पर लेने में भी बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। जांच एजेंसी का कहना है कि इस पूरे प्रोजेक्ट में पैसे की बंदरबांट के लिए एक सुनियोजित योजना बनाई गई थी।
ईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस घोटाले के एक आरोपी केतन कदम और मोरिया बंधुओं के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई थी। इन कॉल्स का मकसद क्या था और किन कंपनियों के जरिए पैसा इधर-उधर किया गया—इन तमाम पहलुओं की जांच अभी जारी है।
डिनो मोरिया की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रहीं, और अगर जांच में कोई ठोस लिंक साबित होता है, तो मामला उनके लिए और गंभीर हो सकता है।
— हिन्दुस्थान समाचार