लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने खुलासा किया कि बब्बर खालसा से जुड़े संदिग्ध आतंकी लाजर मसीह महाकुंभ में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। पूछताछ में लाजर ने बताया कि वह पाकिस्तान में सक्रिय तीन आईएसआई एजेंटों के संपर्क में था और वारदात के बाद पुर्तगाल भागने की योजना बना रहा था, जहां उसके कुछ साथी पहले से मौजूद हैं। गिरफ्तारी से पहले वह लखनऊ और कानपुर में छिपा हुआ था।
डीजीपी ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में जानकारी दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अपराध और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है। महाकुंभ से पहले देश-विदेश में सक्रिय कुछ संदिग्ध तत्वों की जानकारी यूपी पुलिस को मिली थी। इसी कड़ी में यूपी एसटीएफ और पंजाब पुलिस के संयुक्त अभियान में कौशांबी से लाजर मसीह की गिरफ्तारी की गई।
पंजाब पुलिस की सूचना के आधार पर पता चला कि लाजर गाजियाबाद में फर्जी आधार कार्ड बनवा रहा था। इससे पहले वह हीरोइन तस्करी के आरोप में पंजाब की जेल में बंद था। वहीं पर हुई मारपीट के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से 24 सितंबर 2024 को फरार हो गया था। इसके बाद 23 अक्टूबर 2024 को बब्बर खालसा से संपर्क में आकर उसने एक हत्या की और फिर छिपता रहा।
डीजीपी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान यूपी पुलिस की कड़ी सुरक्षा के चलते लाजर अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका। गुरुवार सुबह कौशांबी जिले के कोखराज क्षेत्र से उसे गिरफ्तार किया गया। उसके पास से तीन हैंड ग्रेनेड, दो डेटोनेटर, एक विदेशी पिस्तौल (नोरिन्को एम-54 टोकरेव, यूएसएसआर) और 13 विदेशी कारतूस बरामद किए गए हैं।