मलाला यूसुफजई ने अपने पैतृक गांव का दौरा किया, शिक्षा पर दिया जोर

इस्लामाबाद। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के शांगला जिले स्थित अपने पैतृक गांव बरकाना शाहपुर का दौरा किया और वहां के स्थानीय समुदाय से मुलाकात की। मलाला बुधवार को इस्लामाबाद से हेलीकॉप्टर के जरिए अपने माता-पिता, जियाउद्दीन यूसुफजई और तूर पेकाई के साथ पहुंचीं। शांगला जिला स्वात घाटी में स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध होने के बावजूद लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता और आतंकवाद से प्रभावित रही है। इसी घाटी में मलाला पर आतंकी हमला हुआ था।

‘द न्यूज’ के अनुसार, बाल अधिकार कार्यकर्ता मलाला का जन्म 12 जुलाई 1997 को पाकिस्तान की स्वात घाटी के मिंगोरा कस्बे में हुआ था। उनके इस दौरे के दौरान परिवार और स्कूली बच्चों ने उनका भावनात्मक स्वागत किया। मलाला अपने रिश्तेदारों से भी मिलीं और अपने पैतृक क्षेत्र से जुड़ी यादों को ताजा किया।

यात्रा के दौरान मलाला ने ‘मलाला यूसुफजई स्कूल’ का भी दौरा किया, जहां उन्होंने छात्रों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस मौके पर छात्रों ने शिक्षा के महत्व पर भाषण दिए और उर्दू व पश्तो में देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए। मलाला ने स्कूल प्रशासन के प्रयासों की सराहना की और मेधावी छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने खासतौर पर दूरदराज के इलाकों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इसके अलावा, मलाला ने शाहपुर गर्ल्स हाईस्कूल में एक कार्यक्रम में भी भाग लिया और वहां ‘जिंदगी ट्रस्ट’ के संस्थापक शहजाद रॉय के शिक्षा क्षेत्र में योगदान की सराहना की।

वैश्विक आतंकवाद सूचकांक-2025: पाकिस्तान दूसरे स्थान पर

राहुल त्रिपाठी ने आईपीएल में अपनी सफलता का श्रेय एमएस धोनी को दिया