मुंबई। मराठी सिनेमा के युवा और प्रतिभाशाली अभिनेता तुषार घाड़ीगांवकर ने शुक्रवार देर रात मुंबई के भांडुप इलाके में स्थित अपने घर पर आत्महत्या कर ली। 32 वर्षीय तुषार के इस कदम ने न सिर्फ उनके परिवार और दोस्तों को झकझोर दिया है, बल्कि पूरी मराठी फिल्म इंडस्ट्री को भी सदमे में डाल दिया है।
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, तुषार लंबे समय से काम की तलाश में थे और बेरोजगारी से मानसिक तनाव में चल रहे थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।
तुषार की मौत की खबर सामने आने के बाद ‘चला हवा येऊ द्या’ फेम अभिनेता अंकुर वधे ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा, “क्यों दोस्त? किसलिए? काम आता है और चला जाता है… आत्महत्या कोई हल नहीं है। अगर तुम हार गए, तो हम सब हार गए।”
तुषार घाड़ीगांवकर ने नाटक, धारावाहिक और फिल्मों के साथ-साथ विज्ञापनों में भी काम किया था। उन्होंने ‘लवंगी मिर्ची’, ‘मन कस्तूरी रे’, ‘बाहुबली’, ‘उनाद’, ‘ज़ोम्बीली’, ‘हे मन बावरे’ और ‘संगीत बिबत आख्यान’ जैसे प्रोजेक्ट्स में अपनी अदाकारी का जलवा दिखाया था। हिंदी कंटेंट में भी उन्होंने सक्रियता दिखाई थी।
उनकी असमय मृत्यु ने एक बार फिर इंडस्ट्री में मौजूद मानसिक स्वास्थ्य और काम के दबाव जैसे मुद्दों को उजागर कर दिया है। फिल्म जगत में यह सवाल फिर खड़ा हो गया है—क्या कलाकारों की असली लड़ाई परदे के पीछे चल रही होती है?
(यदि आप या आपके जानने वाला कोई मानसिक तनाव या अवसाद से जूझ रहा है, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ या हेल्पलाइन से संपर्क करें। आपकी जिंदगी अनमोल है।)