मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में अपार संभावनाएं: अमित शाह

भोपाल। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में कई अवसर हैं। इन अवसरों का पूरा लाभ उठाने के लिए कई कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सहकारिता आंदोलन कई वर्षों से मंद पड़ता जा रहा था, और कुछ राज्यों में यह आंदोलन नई गति पकड़ चुका था, जबकि अन्य स्थानों पर इसका पूरी तरह से पतन हो चुका था। इसका मुख्य कारण यह था कि समय के साथ आवश्यक कानूनी बदलाव नहीं किए गए थे।

केंद्रीय मंत्री शाह रविवार को भोपाल के रवींद्र भवन सभागार में आयोजित ‘राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन’ में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री मोहन यादव और अन्य गणमान्य नेताओं की उपस्थिति में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और मध्य प्रदेश सरकार (राज्य सहकारी दुग्ध संघ) के बीच सहकारिता अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही, पैक्स के माध्यम से किसानों को क्रेडिट कार्ड और ऋण प्रदान करने के लिए अनुबंध किए गए।

शाह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों की विभिन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय स्तर पर सहकारिता के विकास पर विचार नहीं किया गया था, क्योंकि देश में सहकारिता मंत्रालय की कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता के 75 साल बाद सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की और मुझे इस मंत्रालय का कार्यभार सौंपा। मोदी जी ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में सहकारिता आंदोलन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

उन्होंने बताया कि सहकारिता आज भी राज्य का विषय है और केंद्र सरकार राज्य सरकारों को एक मंच पर लाकर इस आंदोलन को गति दे रही है। शाह ने कहा कि मॉडल बायलॉज को सभी राज्यों ने स्वीकार किया, और कई राज्यों ने इस बायलॉज को अपनाकर सहकारिता क्षेत्र में नई जान डाली है। मध्य प्रदेश ने पैक्स के कम्प्यूटरीकरण में भी पूरे देश में सबसे पहले काम किया है।

शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में हर दिन 5.5 मिलियन लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो देश के कुल दूध उत्पादन का 9 प्रतिशत है। किसानों को खुले बाजार में दूध बेचने पर शोषण का सामना करना पड़ता है, लेकिन सहकारी डेयरी के माध्यम से उन्हें बेहतर लाभ मिलेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि आज के अनुबंध के बाद मध्य प्रदेश के करीब 50 प्रतिशत गांवों में सहकारी समितियों का निर्माण होगा, जिससे किसानों और पशुपालकों को जल्द लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सहकारिता क्षेत्र के विस्तार के लिए मध्य प्रदेश के साथ खड़ी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद बीडी शर्मा, और पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

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