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मणिशंकर अय्यर की विवादित टिप्पणी पर कांग्रेस का हुआ किनारा, पार्टी ने किया स्पष्ट

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के विवादास्पद बयान सामने आ रहे हैं। इस कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर की शनिवार को दी गई एक टिप्पणी ने विवाद पैदा कर दिया। अय्यर के बयान ने कांग्रेस पार्टी को भाजपा और एनडीए के निशाने पर ला खड़ा किया।

मणिशंकर अय्यर ने नई दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान सवाल उठाया था कि क्या 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला ‘विभाजन के अनसुलझे सवालों’ का परिणाम था। इस टिप्पणी के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अत्यंत असंवेदनशील और भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया।

रविशंकर ने एक प्रेसवार्ता में कहा, “क्या राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे का अपनी पार्टी पर कोई नियंत्रण नहीं है? एक तरफ कांग्रेस कहती है कि वे देश के साथ खड़ी हैं, लेकिन दूसरी ओर उनके नेता (मणिशंकर अय्यर) जो चाहें कहने के लिए स्वतंत्र हैं। पाकिस्तान इन बयानों का इस्तेमाल अपने प्रचार में कर रहा है।” रविशंकर ने यह भी सवाल उठाया कि जब पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है, तो कांग्रेस इस संवेदनशील समय में एकजुट क्यों नहीं हो सकती?

इस तीखी आलोचना के बाद कांग्रेस ने तुरंत डैमेज कंट्रोल की दिशा में कदम बढ़ाया। पार्टी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि कांग्रेस के आधिकारिक विचार केवल पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और एआईसीसी पदाधिकारियों द्वारा व्यक्त किए गए विचारों तक सीमित हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के कुछ नेता मीडिया में अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त कर रहे हैं, जो पार्टी की आधिकारिक स्थिति को नहीं दर्शाती।”

रमेश ने यह भी कहा कि पार्टी ने 24 अप्रैल को पहलगाम हमले पर एक प्रस्ताव पारित किया था और इसके बाद 25 अप्रैल को मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक में भाग लेकर कांग्रेस का पक्ष रखा। ऐसे संवेदनशील समय में कांग्रेस का आधिकारिक बयान केवल पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा ही व्यक्त किया जाएगा।

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