मंडी में कुदरत का कहर: बादल फटने और भूस्खलन से 13 की मौत, 29 लापता

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। आपदा की चपेट में आकर अब तक 13 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 29 लोग अभी भी लापता हैं। जिला प्रशासन और राहत दल चौबीसों घंटे बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।

सबसे ज्यादा तबाही थुनाग, करसोग, जोगिंद्रनगर और गौहर क्षेत्रों में देखी गई। थुनाग में पांच, गौहर में सात और करसोग में एक व्यक्ति की मौत हुई है। जोगिंद्रनगर के स्यांज से भी दो शव बरामद हुए हैं। लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होम गार्ड और डीडीएमए की टीमें सक्रिय हैं।

आपदा में 148 मकान, 104 गौशालाएं और 162 मवेशी तबाह हो चुके हैं, जबकि 14 पुलों को नुकसान पहुंचा है। राहत कार्यों के तहत अब तक 154 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। मंडी जिले में बनाए गए राहत शिविरों में फिलहाल 357 लोगों ने शरण ली है।

सोमवार रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने करसोग और धर्मपुर उपमंडलों में कहर ढाया। कई इलाकों में फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं। गोहर और सदर में जलभराव के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है।

प्रशासन ने लोगों से जरूरी न होने पर यात्रा से बचने और सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही कहा गया है कि लापता लोगों की खोज और राहत प्रयासों में और तेजी लाई जा रही है।

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