इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने से बौखलाए पाकिस्तान में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच, प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने जेल में बंद अपने नेता इमरान खान की रिहाई की मांग तेज कर दी है। पार्टी ने कहा है कि मौजूदा हालात में भारत से बढ़ते तनाव का सामना करने के लिए इमरान खान जैसे मजबूत और सर्वमान्य नेता की मौजूदगी जरूरी है।
PTI ने देश के तमाम राजनीतिक दलों से बहुदलीय सम्मेलन बुलाने का आह्वान किया है और उसमें इमरान खान को भी शामिल करने की मांग की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि अगर इमरान को इस बैठक में भाग लेने की अनुमति दी जाती है, तो इससे दुनिया को यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय हितों के लिए एकजुट है।
सीनेट में PTI के संसदीय नेता सीनेटर अली जफर ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीतिक मतभेदों को भुलाना होगा। इस समय बहुदलीय सम्मेलन ही एकमात्र रास्ता है।”
वहीं, सीनेटर शिबली फराज ने सुझाव दिया कि इमरान खान को टीवी पर देश को संबोधित करने और मीनार-ए-पाकिस्तान से वाघा बॉर्डर तक मार्च का आह्वान करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनका दावा है कि खान की एक पुकार पर 10 मिलियन से ज्यादा लोग सड़कों पर उतर सकते हैं। फराज ने यह भी मांग की कि सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए और विपक्षियों के खिलाफ झूठे मुकदमे बंद किए जाएं।
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