नई दिल्ली। जब पूरी दुनिया स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में सुस्ती से जूझ रही है, ऐसे में भारत इस सेक्टर में धमाकेदार प्रदर्शन कर रहा है। एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 तक भारत का स्मार्टफोन उत्पादन दहाई की रफ्तार से बढ़ेगा और देश का योगदान वैश्विक उत्पादन में करीब 20 फीसदी तक पहुंच सकता है।
मंगलवार को जारी काउंटरपॉइंट रिसर्च की ‘ग्लोबल स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग ट्रैकर’ रिपोर्ट बताती है कि 2025 में दुनियाभर का कुल उत्पादन 1% घट सकता है। इसकी मुख्य वजह है—वैश्विक बाजार में मंदी और टैरिफ से जुड़ी चुनौतियां। हालांकि, 2024 में वैश्विक उत्पादन में 4% की बढ़त दर्ज की गई थी।
भारत, चीन और वियतनाम जैसे देश फिलहाल 2024 में कुल ग्लोबल आउटपुट का 90% से अधिक हिस्सा साझा कर रहे हैं, लेकिन इस लिस्ट में सबसे तेज ग्रोथ भारत की रही है।
2025 में जहां चीन टैरिफ और घरेलू मांग में गिरावट के कारण दबाव में रहेगा, वहीं भारत एक अहम खिलाड़ी बनकर उभरेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 के बाद इस इंडस्ट्री में बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन हुआ है और कंपनियां चीन से बाहर प्रोडक्शन यूनिट्स की ओर रुख कर रही हैं।
काउंटरपॉइंट के वरिष्ठ विश्लेषक इवान लैम के मुताबिक, “ब्रांड्स के पास अब विकल्प नहीं है—उन्हें चीन से बाहर निकलकर भारत और वियतनाम जैसे देशों में उत्पादन बढ़ाना ही होगा।”
भारत के पास सिर्फ श्रमबल नहीं, बल्कि लगातार विकसित हो रहा मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम है, जिसमें लोकल स्तर पर न केवल प्रोडक्टिविटी बढ़ रही है, बल्कि टेक्नोलॉजिकल कॉम्प्लेक्सिटी को भी तेजी से अपनाया जा रहा है।
साफ है कि जब बाकी दुनिया धीमी रफ्तार से चल रही है, भारत मैन्युफैक्चरिंग रेस में गियर बदल चुका है और ग्लोबल सप्लाई चेन का बड़ा हब बनने की ओर अग्रसर है।