नई दिल्ली। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले एक साल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 2601 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है।
राज्यसभा में अवैध प्रवासन और सीमा सुरक्षा से जुड़े प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान इन गिरफ्तारियों को अंजाम दिया गया। 2024 में जनवरी में 138, फरवरी में 124, मार्च में 118, अप्रैल में 91, मई में 32, जून में 247, जुलाई में 267, अगस्त में 214, सितंबर में 300, अक्टूबर में 331, नवंबर में 310, दिसंबर में 253 और 2025 के जनवरी में 176 लोगों को पकड़ा गया।
सीमा सुरक्षा के कड़े इंतजाम
उन्होंने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार ने उन्नत निगरानी प्रणाली, अतिरिक्त बलों की तैनाती और तकनीकी उपकरणों को शामिल किया है। सुरक्षा उपायों में हैंडहेल्ड थर्मल इमेजर, नाइट विजन डिवाइस, ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे, पीटीजी कैमरे और आईआर सेंसर जैसे उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। असम के धुबरी में समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्थापित की गई है।
सुरक्षा एजेंसियों का समन्वय
राय ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के बीच समन्वय को मजबूत किया गया है। 1975 के संयुक्त भारत-बांग्लादेश दिशानिर्देशों और 2011 में हस्ताक्षरित समन्वित सीमा प्रबंधन योजना के तहत नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
खुफिया तंत्र और निगरानी बढ़ी
सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए नियमित गश्त, चौकियों की स्थापना, नाके, फ्लड लाइटिंग और सौर लाइटिंग का इंतजाम किया गया है। नदी क्षेत्रों की निगरानी के लिए विशेष नौकाएं और फ्लोटिंग सीमा चौकियां तैनात की गई हैं। साथ ही, खुफिया नेटवर्क को मजबूत कर तस्करों की पहचान और गतिविधियों की निगरानी पर विशेष ध्यान दिया गया है।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए BSF की क्षमता को उन्नत किया जा रहा है और आधुनिक तकनीक का उपयोग बढ़ाया जा रहा है।