भारत ने नेपाल से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए

काठमांडू। भारत ने नेपाल में निर्मित सीमेंट, नालीदार चादरें, प्लाईवुड और अन्य वस्तुओं के आयात पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है। यह फैसला बैंकाक में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की साइडलाइन मुलाकात से ठीक पहले लिया गया, जिसे द्विपक्षीय संबंधों में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

नेपाल के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री दामोदर भंडारी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि नेपाल द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से संबंधित शर्तों में राहत के लिए किया गया अनुरोध भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया है। भंडारी ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले भारत यात्रा के दौरान अपने समकक्ष मंत्री पीयूष गोयल से नेपाली वस्तुओं पर लगे प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा कि 11 और 12 जनवरी को हुई नेपाल-भारत वाणिज्य सचिव स्तर की बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई थी, जिसके बाद भारत ने समस्याओं को सुलझाने की प्रतिबद्धता जताई थी। भारत ने पहले सीमेंट, नालीदार चादरें, सैनिटरी पैड और जूते जैसी वस्तुओं के आयात के लिए BIS प्रमाणन अनिवार्य कर दिया था।

पिछले पांच महीनों से नेपाल ने भारत को सीमेंट का निर्यात रोक दिया था, और एक माह पूर्व से प्लाईवुड का आयात भी स्थगित कर दिया गया था। भारत के नए नियमों के तहत, BIS प्रमाणन के बिना इन वस्तुओं का आयात संभव नहीं था।

नेपाल प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष होम प्रसाद घिमिरे ने बताया कि BIS प्रमाणन मिलने के बाद निर्यात प्रक्रिया आसान हो जाएगी। उन्होंने कहा कि करीब एक दर्जन नेपाली उद्योगों ने BIS का नवीनीकरण कर लिया है। घिमिरे ने जानकारी दी कि नेपाल से भारत भेजे जा रहे 34 प्लाईवुड ट्रक काकड़विट्टा सीमा पर फंसे हुए थे, क्योंकि उनके पास BIS प्रमाणपत्र नहीं था।

भारत द्वारा यह प्रतिबंध हटाना द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और सीमा पार व्यापार में बाधाएं कम करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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