नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि 2047 तक भारत को दुनिया की महाशक्ति और विकसित राष्ट्र बनाना है, इसके लिए देश और राज्यों में राजनीतिक स्थिरता बेहद जरूरी है।
प्रधान दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय ने रग्बी स्टेडियम से किया था, जिसमें दौड़ डीयू रग्बी स्टेडियम से शुरू होकर गेट नंबर 2 से होते हुए छात्रा मार्ग से गुजरी और डीयू परिसर में एक चक्कर लगाते हुए स्टेडियम में समाप्त हुई।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “दिल्ली विश्वविद्यालय का इतिहास यह बताता है कि देश में हर नई पहल की शुरुआत या तो डीयू से होती है या यहां से निकल कर वह देशभर में फैलती है। आजादी के बाद 60 के दशक तक देश में एक साथ चुनाव होते थे, लेकिन पिछले 50 वर्षों में यह व्यवस्था बिगड़ी है। बार-बार चुनावों की वजह से समय और संसाधनों की बर्बादी होती है, जो देश की प्रगति के लिए सही नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ का आह्वान किया, जिसे लोकसभा ने अपनाया और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। अब यह मुद्दा देशव्यापी जन आंदोलन बन चुका है।”
प्रधान ने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ केवल एक दौड़ नहीं है, बल्कि यह 2047 तक भारत को सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की दिशा में एक कदम है।
इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “आज हम डीयू में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के लिए एकत्रित हुए हैं, जो हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी का हिस्सा है। बार-बार चुनावों के कारण हर साल हजारों करोड़ रुपये खर्च होते हैं और आचार संहिता के कारण विकास कार्य प्रभावित होते हैं।”
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि डीयू इस प्रोग्राम में अहम भूमिका निभा रहा है, और अप्रैल महीने में इस विषय पर यह तीसरा कार्यक्रम है। उन्होंने इसे देश को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम पहल बताया। इस अवसर पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने भी अपने विचार साझा किए।
