भारत के हुक्का-पानी पर पाकिस्तान का गुस्सा: चीन से मदद की गुहार

इस्लामाबाद। भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाए गए कड़े कदमों ने पाकिस्तान को एक मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। पाकिस्तान न तो इस स्थिति को खुलकर स्वीकार कर पा रहा है, न ही इससे निकल पा रहा है। भारत की दंडात्मक कूटनीति ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है। हालांकि, पाकिस्तान ने अपनी जनता को खुश करने के लिए कुछ पलटवार किए हैं, लेकिन भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने की घोषणा ने उसे जल संकट के खतरों से जूझने पर मजबूर कर दिया है।

डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के नेता इस समय भारत की कार्रवाई और उस पर लगाए गए आरोपों का मुकाबला करने के लिए सक्रिय रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन, ब्रिटेन और ईरान के नेताओं से बातचीत कर भारत के एकतरफा कदमों पर ध्यान आकर्षित किया। खासकर सिंधु जल संधि के मुद्दे को उन्होंने प्रमुखता से उठाया।

चीन ने पाकिस्तान के इस संकट में पूरी तरह से समर्थन देने का आश्वासन दिया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि बीजिंग पाकिस्तान की चिंताओं को समझता है और वह इस मामले में पाकिस्तान के साथ है। वहीं, ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की बात की। इसके अलावा, शहबाज शरीफ ने शनिवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से भी पाकिस्तान की स्थिति पर चर्चा की और मदद की अपील की।

इस बीच, शहबाज शरीफ ने रविवार को अपने भाई और पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ से मुलाकात कर पहलगाम हमले और उसकी बाद की स्थिति पर चर्चा की। पाकिस्तान की चिंताएँ बढ़ती जा रही हैं, और अब उसकी उम्मीदें पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर टिकी हैं।

खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पाकिस्तान के मीडिया में भारत के खिलाफ फिर उगला जहर

RAHUL GANDHI

सुप्रीम कोर्ट की राहुल को कड़ी नसीहत