नई दिल्ली। देश को गर्व महसूस कराने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है। एक्सिओम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 14 दिन बिताने के बाद अब उनकी धरती पर वापसी तय हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस ऐतिहासिक मिशन की जानकारी साझा करते हुए बताया कि शुभांशु शुक्ला 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार) पृथ्वी पर लैंड करेंगे।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी दी कि स्पेस स्टेशन से स्पेसएक्स ड्रैगन यान के ‘अंडॉकिंग’ की प्रक्रिया 14 जुलाई की शाम 4:30 बजे शुरू होगी, जबकि स्प्लैशडाउन की संभावित टाइमिंग 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे है। हालांकि मौसम और तकनीकी परिस्थितियों के अनुसार समय में लगभग एक घंटे की लचीलापन विंडो रखी गई है।
इस बार एक्सिओम-4 मिशन की कमान अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन के हाथ में है, जबकि भारतीय पायलट के रूप में शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारत का परचम लहरा रहे हैं। उनके साथ स्लावोस उजनान्स्की-विस्निव्स्की और टिबोर कापू भी टीम का हिस्सा हैं। यह पूरी टीम 14 दिनों से अंतरिक्ष में कई अहम वैज्ञानिक प्रयोगों में जुटी रही है।
नासा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिशन के दौरान जैव-चिकित्सकीय रिसर्च, माइक्रोएल्गी पर अध्ययन, और नैनोमैटेरियल्स से बने वियरेबल्स की टेस्टिंग जैसे प्रयोग किए गए, जो भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं में क्रू की सेहत और जीवन समर्थन प्रणालियों में मदद करेंगे। साथ ही थर्मल कम्फर्ट सूट मटेरियल और इलेक्ट्रिकल मसल स्टिमुलेशन जैसे नए प्रयोगों ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अहम जानकारियां दीं।
अब अंतरिक्ष यात्री अपने अंतिम कामों में जुट गए हैं—रिसर्च सैंपलों और उपकरणों को पैक किया जा रहा है ताकि उन्हें सुरक्षित तरीके से पृथ्वी पर लाया जा सके। स्पेसएक्स ड्रैगन यान कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में लैंड करेगा।
भारत के लिए यह क्षण न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि का है, बल्कि भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं की ओर एक सशक्त कदम भी है। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा आने वाली पीढ़ियों को अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान देने के लिए प्रेरित करती रहेगी।