नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था एक बार फिर उम्मीदों से आगे निकलती नजर आ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भारत की GDP ग्रोथ 7.4 प्रतिशत रही, जो कि बाजार के अनुमान से कहीं बेहतर है। इस दमदार प्रदर्शन के बाद अब विशेषज्ञों को भरोसा है कि चालू वित्त वर्ष में भी अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है।
इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा कि उनकी संस्था ने चौथी तिमाही के लिए 6.9% ग्रोथ का अनुमान लगाया था, लेकिन हकीकत में यह आंकड़ा 7.4% तक पहुंच गया। उन्होंने कहा, “यह दिखाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी मजबूती से खड़ी है। हम दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं।”
डॉ. शर्मा के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, प्रोफेशनल सर्विसेज, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और डिफेंस जैसे क्षेत्रों ने तगड़ी ग्रोथ दिखाई है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि निजी खपत और सरकारी खर्च में लगातार दो तिमाहियों से गिरावट दर्ज की गई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.2% थी, जो चौथी तिमाही में बढ़कर 7.4% हो गई। पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो यह दर 6.5% रही है।
अर्थव्यवस्था की इस मजबूती में कृषि क्षेत्र की बड़ी भूमिका रही है। बीते साल जहां कृषि ग्रोथ 2.7% रही थी, वहीं इस साल यह बढ़कर 4.6% हो गई। चौथी तिमाही में कृषि ने 5% की वृद्धि दर्ज की, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह सिर्फ 0.8% थी।
कंस्ट्रक्शन सेक्टर ने भी झंडे गाड़े हैं, जिसकी विकास दर 9.4% रहने का अनुमान है। इसके अलावा पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, डिफेंस और अन्य सेवाओं की ग्रोथ 8.9% जबकि फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज ने 7.2% की दर से विकास किया।
आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ अनुमान 6.5% रखा है, जिससे संकेत मिलता है कि आने वाले महीनों में भी भारत की आर्थिक तस्वीर सकारात्मक बनी रह सकती है।
