नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे भाजपा की डर और असहिष्णुता की मिसाल बताते हुए कहा कि सरकार की आलोचना करना लोकतंत्र का अहम हिस्सा है – और इसे दबाया नहीं जा सकता।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में खरगे ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा, “राष्ट्रीय हित में एकजुटता ज़रूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सरकार से सवाल नहीं किए जा सकते।” उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय एकता सर्वोच्च है, पर लोकतंत्र की हत्या किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
खरगे ने प्रोफेसर महमूदाबाद की गिरफ्तारी के बहाने भाजपा की ‘ट्रोल आर्मी’ और नेताओं पर भी तीखा वार किया। उन्होंने कहा, “यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब एक शहीद नौसेना अधिकारी की विधवा, एक विदेश सचिव और उनकी बेटी को निशाना बनाया गया। यहाँ तक कि एक केंद्रीय मंत्री ने भारतीय सेना के कर्नल पर भी अभद्र टिप्पणियां कीं।”
कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि भाजपा उन आवाज़ों को खतरनाक मानती है जो विविधता और आलोचना का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने दो टूक कहा, “आलोचना को कुचलना तानाशाही की पहचान है, न कि लोकतंत्र की।”
