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बिहार को चाहिए 6 बड़ी रेल परियोजनाएं: राज्य सरकार ने केंद्र से लगाई मंजूरी की गुहार

पटना। बिहार की रेल व्यवस्था को मजबूती देने और पर्यटन से लेकर स्थानीय परिवहन को नए आयाम देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के पास छह अहम रेल परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा है। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को इस संबंध में पत्र लिखते हुए इन योजनाओं को आर्थिक और सामाजिक विकास की दृष्टि से बेहद जरूरी बताया है।

मुख्य सचिव ने कहा है कि रेल परिवहन सिर्फ यात्रियों और सामान के आवागमन का जरिया नहीं, बल्कि किसी भी राज्य के विकास की धुरी है—खासकर बिहार जैसे राज्य के लिए।

बुद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर को मिले रफ्तार

बौद्ध पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पटना-गया-तिलैया-राजगीर-फतुहा सर्कुलर रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही बख्तियारपुर-तिलैया मार्ग पर दोहरीकरण की स्वीकृति की मांग की गई है, जिससे बोधगया और राजगीर की यात्रा ज्यादा सुगम हो सके।

दक्षिण बिहार को चाहिए लोकल ट्रेन नेटवर्क

बक्सर, भोजपुर, रोहतास, लखीसराय, मुंगेर, शेखपुरा, भागलपुर, जमुई और बांका जैसे जिलों को पटना से जोड़ने के लिए मेट्रो की तर्ज पर लोकल ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग की गई है। मुंबई की तरह तीसरी और चौथी लाइन बिछाने का भी प्रस्ताव भेजा गया है।

उत्तर बिहार को चाहिए अतिरिक्त रेल लाइनें

सीवान, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और दरभंगा को राजधानी से बेहतर जोड़ने के लिए नया उपनगरीय नेटवर्क विकसित करने की बात कही गई है। सीवान से कटिहार के बीच भारी भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त लाइनें बनाने का सुझाव दिया गया है।

पटना क्षेत्रीय परिवहन को नई दिशा

फतुहा-बिदुपुर के बीच नया रेल पुल बनाने का प्रस्ताव भी सामने आया है, जिससे फतुहा स्टेशन को डाउन साइड से जोड़कर एक नया नेटवर्क तैयार किया जा सके। इसके जरिए पटना, हाजीपुर और सोनपुर जैसे शहरों को एक ही लूप में जोड़ा जा सकेगा।

घनी आबादी वाले रूट्स पर ज़रूरी हैं और रेल लाइनें

डीडीयू-बक्सर-आरा-पटना-किउल रूट पर यात्रियों की अत्यधिक संख्या को देखते हुए तीसरी और चौथी रेलवे लाइनें बिछाने की मांग की गई है, ताकि इस हाई डेंसिटी कॉरिडोर पर ट्रैफिक की दिक्कतें कम हो सकें।

गंगा पर नया पुल, आरा-छपरा के बीच कनेक्टिविटी को मिले बढ़ावा

राज्य सरकार ने आरा-छपरा के बीच एक नया रेल पुल बनाने की भी मांग की है। इससे शाहाबाद और सारण जिलों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित होगा और उत्तर तथा दक्षिण बिहार के बीच यात्रा पहले से कहीं ज्यादा सुगम हो जाएगी।

मुख्य सचिव मीणा ने इन सभी प्रस्तावों को केंद्र से “सहानुभूतिपूर्वक विचार” करने का अनुरोध किया है और भरोसा दिलाया है कि राज्य सरकार इन परियोजनाओं को लागू करने में हरसंभव सहयोग देगी।

इन रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिलने पर बिहार के यातायात, पर्यटन और अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिल सकती है।

Omar Abdullah, CM, JK

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