ढाका। बांग्लादेश की पाकिस्तान समर्थक जमात-ए-इस्लामी पार्टी ने म्यांमार के अराकान राज्य में रोहिंग्या बहुल इलाकों में एक स्वतंत्र मुस्लिम राज्य की स्थापना का प्रस्ताव दिया है। यह प्रस्ताव ढाका के एक होटल में, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के प्रतिनिधिमंडल से बैठक के दौरान प्रस्तुत किया गया।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, द डेली स्टार ने जमात-ए-इस्लामी की विज्ञप्ति को उद्धृत करते हुए यह जानकारी दी। बैठक में सीपीसी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के ब्यूरो के प्रमुख पेंग शियुबिन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इस बैठक का नेतृत्व जमात-ए-इस्लामी के नायब-ए-अमीर सैयद अब्दुल्ला मोहम्मद ताहिर ने किया, जबकि अन्य प्रमुख नेताओं में मौलाना रफीकुल इस्लाम खान, एहसानुल महबूब जुबैर, मोतिउर रहमान अकांडा और नुरुल इस्लाम बुलबुल भी उपस्थित थे।
बैठक के बाद, ताहिर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बांग्लादेश में लगभग 11-12 लाख रोहिंग्या शरणार्थी हैं, जो अत्यंत दयनीय परिस्थितियों में रह रहे हैं। उनका कहना था कि केवल भोजन और कपड़े उपलब्ध कराना पर्याप्त नहीं है; असल समाधान इन शरणार्थियों को उनके घर वापस भेजकर पुनर्वासित करने में है। इस संदर्भ में उन्होंने अराकान में एक स्वतंत्र मुस्लिम राज्य स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। ताहिर ने यह भी कहा कि चीन इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, क्योंकि म्यांमार के साथ उसके मजबूत संबंध हैं। सीपीसी प्रतिनिधिमंडल ने आश्वासन दिया कि वह इस प्रस्ताव को अपनी सरकार तक पहुंचाएंगे।
इस बैठक में अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जैसे कि चीन से निवेश की संभावनाएं, जिनमें तीस्ता बैराज परियोजना, दूसरे पद्मा ब्रिज और गहरे समुद्री बंदरगाह परियोजना शामिल हैं। सीपीसी प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान जमात को चीन में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण दिया। वहीं, जमात-ए-इस्लामी ने भी शीघ्र ही सीपीसी प्रतिनिधिमंडल को बांग्लादेश आने का आमंत्रण देने की योजना बनाई है।