बांग्लादेश: जमात-ए-इस्लामी नेता अजहरुल को मौत की सजा पर अपील की अनुमति

ढाका: बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ नेता एटीएम अजहरुल इस्लाम को मौत की सजा के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय अपीलीय पीठ ने यह आदेश जारी किया, जिसकी सुनवाई 22 अप्रैल को होगी। अजहरुल को युद्ध अपराधों के आरोप में 30 दिसंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने मृत्युदंड सुनाया था।

1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान, जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सहायक महासचिव अजहरुल पर पाकिस्तानी सेना का समर्थन करने, 1400 से अधिक लोगों की हत्या, महिलाओं के साथ दुष्कर्म, अपहरण और यातना देने जैसे गंभीर आरोप लगे थे।

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में अजहरुल का प्रतिनिधित्व बैरिस्टर एहसान अब्दुल्ला सिद्दीकी ने किया, जिनकी सहायता वरिष्ठ वकील एसएम शाहजहां, अधिवक्ता मोहम्मद शिशिर मनीर और बैरिस्टर नजीब मोमन ने की। इससे पहले, अजहरुल की सजा की समीक्षा याचिका पर मंगलवार को सुनवाई पूरी हुई थी।

अटॉर्नी जनरल एमडी असदुज्जमां ने मामले को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम और बचाव पक्ष के वकील शिशिर मनीर की उपस्थिति में अदालत में प्रस्तुत किया।

गौरतलब है कि इससे पहले 23 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अजहरुल की मौत की सजा बरकरार रखी थी, जिसके बाद उन्होंने इस फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में पहले भी कई जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी नेताओं को फांसी दी जा चुकी है, जिनमें मोतिउर रहमान निज़ामी, अब्दुल कादर मोल्ला, मोहम्मद कमरुज्जमां, अली अहसन मोहम्मद मोजाहिद, मीर कासिम अली और बीएनपी नेता सलाउद्दीन कादर चौधरी शामिल हैं।

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