मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित गांवों में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। खुफिया सूत्रों से मिले इनपुट के बाद यह कार्रवाई की गई है, जिसमें जानकारी मिली है कि बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के सदस्य भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, जेएमबी और एचयूटी के कई सक्रिय सदस्य बांग्लादेश के राजशाही और चपाई नवाबगंज जिलों से छोटे समूहों में मुर्शिदाबाद के रास्ते भारत में प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं। इनका उद्देश्य यहां पहले से सक्रिय स्लीपर सेल को फिर से सक्रिय करना है। खुफिया एजेंसियों को इन संगठनों के खिलाफ इनपुट तब मिला, जब सीमा पार से कुछ संदिग्ध इंटरनेट संचार ट्रैक किया गया। जांच में सामने आया कि आतंकी संगठन मुर्शिदाबाद में अपने स्थानीय संपर्कों से इंटरनेट के जरिए जुड़े हुए थे। इनमें से कुछ संपर्क ‘खारिजी’ (गैर-मान्यता प्राप्त) मदरसों से जुड़े हैं, जो भारत-बांग्लादेश सीमा के पास संचालित हो रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इन संगठनों का मकसद स्लीपर सेल को पुनः सक्रिय करने के साथ-साथ इन मदरसों के माध्यम से नए आतंकियों की भर्ती करना भी है।
सीमा पर सुरक्षा कड़ी
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को इस खतरे की सूचना दी गई है, और मुर्शिदाबाद व मालदा जिलों में सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने सीमावर्ती गांवों के मकान मालिकों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी बाहरी व्यक्ति को किराए पर कमरा देने से पहले उसकी पहचान की अच्छी तरह जांच करें और नए किरायेदारों की सूचना स्थानीय पुलिस को दें।
शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा भी बढ़ाई गई
इसके अलावा, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। कुछ महीनों पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खुफिया इनपुट के आधार पर अलर्ट जारी किया था कि जेएमबी और एचयूटी के आतंकी उन्हें निशाना बना सकते हैं। पहले उन्हें केवल पश्चिम बंगाल में ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन बढ़ते खतरे को देखते हुए अब उन्हें पूरे भारत में ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।