बलूचिस्तान की आज़ादी की घोषणा से पाकिस्तान में मचा हड़कंप, मीर यार बलोच ने किया बड़ा ऐलान

क्वेटा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पहले से ही अंतरराष्ट्रीय दबाव में घिरा पाकिस्तान अब एक और बड़े संकट में फंस गया है। दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आज़ादी की मांग ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में गूंज रही आज़ादी की आवाज़ों ने पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

बलूचिस्तान के चर्चित लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता मीर यार बलोच ने एक्स पर बड़ा ऐलान करते हुए बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी है। मीर यार ने कहा कि पाकिस्तान पतन की कगार पर है और जल्द ही बलूचिस्तान अपनी आज़ादी का औपचारिक एलान करेगा। उन्होंने भारत से बलूचिस्तान के लिए आधिकारिक कार्यालय और दिल्ली में दूतावास खोलने की अनुमति देने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान को स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में मान्यता देने और इस पर वैश्विक बैठक बुलाने की मांग की है।

मीर यार बलोच ने संयुक्त राष्ट्र से अपील करते हुए कहा कि बलूचिस्तान में शांति मिशन तुरंत भेजा जाए ताकि पाकिस्तान की सेना को बलूचिस्तान की ज़मीन, हवाई क्षेत्र और समुद्री इलाकों से बाहर निकाला जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना को अपने सभी हथियार और संपत्ति बलूचिस्तान में छोड़नी होगी। मीर यार ने पाकिस्तानी सेना, फ्रंटियर कोर, पुलिस, आईएसआई और सभी गैर-बलूच अधिकारियों को बलूचिस्तान से तत्काल बाहर जाने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान का प्रशासन जल्द ही आज़ाद बलूचिस्तान की नई सरकार को सौंप दिया जाएगा।

उन्होंने यह भी ऐलान किया कि जल्द ही एक अंतरिम सरकार का गठन होगा, जिसमें बलूच महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। स्वतंत्र बलूचिस्तान का पहला राजकीय समारोह भी जल्द आयोजित किया जाएगा, जिसमें मित्र देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया जाएगा।

बलूचिस्तान में रहने वाले हिंदू समुदाय को मीर यार बलोच ने भरोसा दिलाया कि उनकी सुरक्षा और धार्मिक स्थलों, खासकर हिंगलाज माता मंदिर की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा, “अब बलूचिस्तान में कोई पाकिस्तानी सेना हिंदुओं को धमकाने या उनकी हत्या करने की हिम्मत नहीं कर सकेगी। बलूचिस्तान पाकिस्तान की सेना को ऐसा सबक सिखाएगा जिसे वह सदियों तक याद रखेगी।”

पाकिस्तान में इस घोषणा के बाद से सियासी गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है और बलूचिस्तान की आज़ादी की यह मांग पाकिस्तान के लिए एक नए सिरदर्द के रूप में उभर रही है।

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