काठमांडू। नेपाल में पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह की बढ़ती सक्रियता को लेकर प्रमुख विपक्षी दल माओवादी ने अपने सभी राजनीतिक अभियानों को तत्काल स्थगित कर आपात बैठक बुलाई है। पार्टी अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल ‘प्रचण्ड’, जो तराई मधेश में जागरण अभियान चला रहे थे, अब काठमांडू लौट चुके हैं और मंगलवार को संसद में विशेष संबोधन देंगे। इसके साथ ही विपक्षी गठबंधन की बैठक भी बुलाई गई है।
राजा की बढ़ती सक्रियता को खतरा मान रहा माओवादी दल
माओवादी अध्यक्ष प्रचण्ड ने पूर्व राजा की गतिविधियों को लोकतंत्र, गणतंत्र, संघीयता और धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा बताया है। उन्होंने सोमवार को पार्टी के सभी राजनीतिक कार्यक्रमों को स्थगित करने और सभी नेताओं को काठमांडू पहुंचने का निर्देश दिया।
पार्टी के प्रवक्ता अग्नि सापकोटा ने कहा कि राजा के समर्थकों की भारी संख्या में सड़कों पर मौजूदगी लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर खतरा पैदा कर रही है। उन्होंने चिंता जताई कि माओवादी पार्टी द्वारा दस वर्षों तक चले सशस्त्र संघर्ष से हासिल उपलब्धियां अब खतरे में हैं।
प्रधानमंत्री ओली और सत्ता गठबंधन को ठहराया जिम्मेदार
माओवादी दल ने इस स्थिति के लिए प्रधानमंत्री केपी ओली और सत्ता गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका मानना है कि जनता के पक्ष में प्रभावी काम न होने के कारण लोग आक्रोशित हैं, जिसका फायदा पूर्व राजा को मिल रहा है।
प्रचण्ड संसद में रखेंगे सर्वदलीय सरकार का प्रस्ताव
माओवादी प्रवक्ता के अनुसार, मंगलवार को संसद में प्रचण्ड देश की बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों पर अपनी बात रखेंगे और गणतंत्र, संघीयता और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए सर्वदलीय सरकार के गठन का प्रस्ताव पेश करेंगे। इसके अलावा, विपक्षी दलों के गठबंधन की बैठक भी इसी दिन आयोजित की जाएगी।