इंदौर। भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने में दशकों से जमा जहरीले कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया शुक्रवार से पीथमपुर के तारपुरा गांव स्थित रामकी एनवायरो फैक्टरी में शुरू कर दी गई है। इस दौरान पहले ट्रायल रन में 10 टन कचरे को फैक्टरी के इंसीनरेटर में जलाया जाएगा। प्रक्रिया की निगरानी के लिए मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, धार जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्र, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी दो विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ सतर्कता बरत रही है।
फैक्टरी परिसर के अंदर 130 स्पेशल आर्म्ड फोर्स के जवान तैनात किए गए हैं, जबकि बाहर डीएसपी स्तर के अधिकारी निगरानी कर रहे हैं। पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और बिना अनुमति किसी को भी परिसर के पास जाने की इजाजत नहीं दी जा रही। इंदौर और धार जिलों के सभी थानों के पुलिसकर्मी सुरक्षा में जुटे हैं, जबकि शहर के प्रमुख स्थानों और तारपुरा गांव में 650 जवान तैनात किए गए हैं।
40 साल बाद हो रहा कचरे का निपटान
भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड कारखाने में डंप पड़े 337 टन जहरीले कचरे को 2 जनवरी को 12 कंटेनरों में भरकर पीथमपुर लाया गया था। 56 दिन बाद, 27 फरवरी को इनमें से पांच कंटेनरों को खोलकर कचरा बाहर निकाला गया, जिसे शुक्रवार सुबह से इंसीनरेटर में जलाने की प्रक्रिया शुरू हुई। हर घंटे 135 किलो कचरा नष्ट किया जाएगा और 74 घंटे में 10 टन कचरा नष्ट करने की योजना है।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल अधिकारी श्रीनिवास द्विवेदी ने बताया कि इस कचरे से निकलने वाली गैस, राख, ठोस कण और अपशिष्ट जल को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में होगी।
स्थानीय लोगों में भय, सड़कों पर सन्नाटा
पीथमपुर में जहरीले कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुरू होते ही स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। ग्रामीण अपने घरों में बंद हो गए हैं, जबकि कई किरायेदार डर के कारण मकान खाली कर दूसरी जगह चले गए हैं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
राजनीतिक बयानबाजी शुरू
इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोर्ट का बहाना बनाकर सरकार अपने आर्थिक हित साध रही है। उन्होंने भू-जल जांच की मांग करते हुए कहा कि यदि इसमें कैंसरजनित तत्व नहीं पाए जाते, तो वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे।
इस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि भोपाल गैस त्रासदी में 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे और कांग्रेस की लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले भोपाल को मरने के लिए छोड़ चुकी थी और अब जनता को डराने की कोशिश कर रही है।