हिसार। पाकिस्तान के लिए जासूसी के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को फिलहाल जेल से राहत नहीं मिली है। हिसार की अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि, उनके वकील ने साफ किया है कि वह अब इस आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती देंगे।
मामले की सुनवाई के दौरान करीब 20 से 25 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। ज्योति के वकील कुमार मुकेश के अनुसार, कोर्ट ने भले ही याचिका खारिज कर दी हो, लेकिन फैसले में जमानत न देने का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया।
पुलिस की ओर से अदालत को जानकारी दी गई कि जांच अभी जारी है। बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है और मोबाइल व लैपटॉप का डेटा फॉरेंसिक जांच में है। पुलिस का तर्क है कि यह मामला देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता और अखंडता से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
वहीं, वकील मुकेश ने यह भी कहा कि एफआईआर खुद ज्योति के बयानों के आधार पर दर्ज की गई है और पुलिस के पास उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं। फिर भी वे अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं और अब सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
गौरतलब है कि ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह उन 12 लोगों में शामिल थीं जिन्हें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से जासूसी के आरोप में हिरासत में लिया गया था।
जांच में सामने आया कि वह पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थीं, जिसे भारत सरकार ने 13 मई को देश से निष्कासित कर दिया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने भी उनसे कई दौर की पूछताछ की है। पुलिस का दावा है कि ज्योति पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे देशों की यात्रा कर चुकी हैं और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी उन्हें एक ‘एसेट’ के रूप में तैयार कर रही थी।
इस हाई-प्रोफाइल केस में अब सेशन कोर्ट की सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।