द्वारका। द्वारका के शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए गहरी चिंता जताई है। शंकराचार्य ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि एक लोकतांत्रिक देश में लोगों से उनका धर्म पूछ कर उन्हें निशाना बनाया जाए।
उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देने की अपील की। शंकराचार्य ने कहा कि इस संकट के समय में हर भारतीय को आतंकवाद के खिलाफ खुलकर बोलते हुए अपनी भारतीयता साबित करनी चाहिए।
स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा, “आज हमारी तीनों सेनाएं इतनी शक्तिशाली हैं कि विरोधी देशों को हमसे आमने-सामने युद्ध की हिम्मत नहीं है। आतंकवादियों और विदेशी साजिशकर्ताओं द्वारा भारत को कमजोर करने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन हमारी एकता ही उनका सबसे बड़ा जवाब है।”
उन्होंने हिन्दू समाज से अपील की कि वे दलगत भावना से ऊपर उठकर आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाएं और उसे कड़ा जवाब दें। “हमारा सनातन धर्म और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की अवधारणा हमें किसी के प्रति द्वेष की भावना रखने से रोकती है, लेकिन अपनी सुरक्षा का अधिकार हमें पूरी तरह से है,” शंकराचार्य ने कहा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में रहने वाले किसी भी समुदाय के लोगों को आतंकवादियों को प्रोत्साहित करने का अधिकार नहीं है। “हम सभी अध्यात्मवादी लोग हैं, और हमारी एकता ही आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी शक्ति है,” शंकराचार्य ने जोर दिया।