कोलकाता। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के 55 दिन बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने एक विस्तृत पोस्ट के ज़रिए केंद्र से पांच तीखे और अहम सवाल पूछे, जिनमें उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, खुफिया एजेंसियों की भूमिका, आतंकियों की गिरफ्तारी और पाकिस्तान को मिल रही आर्थिक मदद तक का मुद्दा उठाया।
पहला सवाल— “चार आतंकी कैसे सीमा पार कर भारत में दाखिल हुए और 26 निर्दोष लोगों की जान कैसे गई?”
बनर्जी ने इसे सुरक्षा व्यवस्था की भयावह चूक बताया और सीधे पूछा कि आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
दूसरा सवाल— अगर यह हमला इंटेलिजेंस फेल्योर था, तो फिर इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख को सेवा विस्तार क्यों दिया गया?
उन्होंने यह भी तंज कसते हुए पूछा कि सरकार जब विपक्षी नेताओं और पत्रकारों पर पेगासस जैसे जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकती है, तो आतंकियों पर क्यों नहीं?
तीसरा सवाल— “आखिर इस नरसंहार के चारों आतंकी कहां हैं?”
उन्होंने पूछा कि क्या वे मारे जा चुके हैं, या अब भी जिंदा हैं? अगर मारे गए हैं तो सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट जानकारी क्यों नहीं दी?
चौथा सवाल— “पीओके पर भारत की क्या रणनीति है?”
अभिषेक ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर दावे का हवाला देते हुए पूछा कि क्या भारत सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी?
पांचवां सवाल— पाकिस्तान को आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक से मिली भारी-भरकम आर्थिक मदद पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए।
बनर्जी ने पूछा कि जब भारत खुद को विश्वगुरु और चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताता है, तो फिर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों से इतनी बड़ी सहायता क्यों मिल रही है?
अंत में, बनर्जी ने दावा किया कि बीते 10 वर्षों में विदेश नीति पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन पारदर्शिता और जवाबदेही का अब भी अभाव है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस पूरे मसले पर साफ जवाब और ठोस नतीजों की मांग की।
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पहलगाम हमले को लेकर विपक्ष अब तक चुप्पी साधे बैठा था। बनर्जी के इन सवालों से एक बार फिर केंद्र की सुरक्षा नीति पर बहस छिड़ना तय है।