कोलकाता: जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम की वादियों में परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे कोलकाता निवासी बितन अधिकारी की जिंदगी एक आतंकी हमले में थम गई। 40 वर्षीय बितन, जो अमेरिका के फ्लोरिडा में मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत थे, अपनी पत्नी सोहिनी और तीन वर्षीय बेटे हृदान के साथ कश्मीर घूमने आए थे। लेकिन एक काली दोपहर, जब वेसरान घाटी की हवाओं में गोलियों की आवाज गूंजी, बितन की दुनिया उजड़ गई।
चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकियों ने पर्यटकों से पहचान पूछकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। बितन को उनकी पत्नी के सामने ही गोली मारी गई। इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को सदमे और गुस्से में डाल दिया है।
घटना के कुछ घंटे बाद जब मीडिया ने सोहिनी से संपर्क किया, तो दूसरी तरफ से बस टूटी-फूटी सिसकियों की आवाज सुनाई दी—”मैं कुछ नहीं कह सकती…” और फिर फोन कट गया।
बितन के वृद्ध पिता की आवाज भी गम में डूबी थी—”वो चाहता था कि हम सब साथ घूमें… मैंने कहा, बहू और पोते को लेकर घूम आ। आज भी दोपहर में बात हुई थी… फिर ये खबर आ गई।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोहिनी से फोन पर बात कर संवेदना व्यक्त की और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार बितन का पार्थिव शरीर कोलकाता लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने लिखा—”शब्द भी कम पड़ जाते हैं इस दर्द को बयां करने के लिए। बंगाल सरकार परिवार के साथ खड़ी है।”
बितन और उनका परिवार 8 अप्रैल को अमेरिका से लौटकर कोलकाता आया था। 16 अप्रैल को वे कश्मीर रवाना हुए और गुरुवार को लौटने का प्लान था। लेकिन मंगलवार को आई मनहूस खबर ने सबकुछ बदल दिया।
पहलगाम, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है, अब खून से रंग गया है। बितन अकेले नहीं थे—इस हमले में कर्नाटक के मंजुनाथ राव समेत कई अन्य पर्यटक भी शिकार बने।
ये हमला सिर्फ एक परिवार पर नहीं, बल्कि पूरे देश की भावनाओं पर वार था।