कोलकाता। दिग्गज अभिनेत्री और प्रसिद्ध नृत्यांगना ममता शंकर के लिए मंगलवार का दिन बेहद खास और भावनाओं से भरा रहा। राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री सम्मान ग्रहण करने के बाद वह भावुक हो गईं। ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में समेट पाना मुश्किल है। यह मेरे लिए ईश्वर का आशीर्वाद है। बहुत खुश हूं, लेकिन जो महसूस कर रही हूं, उसे कह नहीं सकती।”
ममता शंकर ने स्वीकार किया कि उन्होंने कभी इस सम्मान की उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने कहा, “मैंने न कभी सोचा, न कभी योजना बनाई, शायद यही वजह है कि जब यह मिला तो मन पूरी तरह से अभिभूत हो गया।” 50 से ज्यादा फिल्मों में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज करा चुकीं ममता शंकर ने ‘दूरत्व’, ‘एक दिन प्रतिदिन’, ‘खारिज’, ‘गृहयुद्ध’, ‘शाखा प्रशाखा’, ‘अगंतुक’ और हालिया फिल्म ‘प्रजापति’ जैसी कलात्मक फिल्मों से दर्शकों का दिल जीता है।
उन्होंने पद्मश्री की घोषणा के वक्त ही कहा था कि इस सम्मान के पीछे मृणाल सेन, सत्यजीत रे और बुद्धदेव दासगुप्ता जैसे गुरुओं का मार्गदर्शन है, जिन्होंने उनके करियर की नींव रखी।
इस समारोह में ममता शंकर के साथ पश्चिम बंगाल की और भी कई हस्तियों को पद्मश्री से नवाज़ा गया। इनमें उद्योग जगत से सज्जन भजनका, शिक्षा क्षेत्र से नागेंद्र नाथ राय और आध्यात्मिक क्षेत्र से संत स्वामी प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज) शामिल हैं।
कार्तिक महाराज ने कहा, “जो लोग भगवा वस्त्र पहनते हैं, वे सम्मान की लालसा नहीं रखते, लेकिन यह पुरस्कार हमारे मिशन भारत सेवाश्रम संघ के परोपकारी कार्यों को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।”
सभी सम्मानित व्यक्तियों ने इस गौरवपूर्ण क्षण को देश सेवा के लिए प्रेरणा बताया। गौरतलब है कि भारत सरकार ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों की घोषणा की थी।