पंजाब में भाखड़ा जल विवाद पर राजनीतिक दलों ने दिखाई एकजुटता, कल होगा विधानसभा का विशेष सत्र

चंडीगढ़। हरियाणा के साथ जल विवाद के मुद्दे पर पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान का समर्थन किया है। इसके साथ ही पंजाब सरकार ने इस विवाद को लेकर सोमवार को विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है।

भाखड़ा जल विवाद पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में शुक्रवार को चंडीगढ़ में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अकाली दल के बलविंद्र सिंह भूंदड़, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, कांग्रेस के तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा और सीपीआईएम व बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। लगभग तीन घंटे तक चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सभी दलों ने पानी के मुद्दे पर एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा को जनसंख्या के हिसाब से 1700 क्यूसेक पानी मिलना चाहिए था, लेकिन पंजाब उन्हें 4000 क्यूसेक पानी दे रहा है। अब हरियाणा केन्द्र के दबाव में 8500 क्यूसेक पानी की मांग कर रहा है, जो गलत है। इस मुद्दे पर सभी दल एकजुट होकर लड़ेंगे।

इस विवाद को लेकर पंजाब सरकार ने विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया है, जिसमें सभी दल अपनी राय रखेंगे। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इस सत्र की मंजूरी दे दी है। भगवंत मान ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) एक्ट का उल्लंघन हो रहा है, और इस पर विस्तृत रिपोर्ट सोमवार को पेश की जाएगी।

भगवंत मान ने कहा कि भाखड़ा डेम के कंट्रोल रूम पर ताला लगाने का मामला भी महत्वपूर्ण है। यदि पंजाब का ताला लगाना गलत है, तो हरियाणा का पानी लेने का तरीका भी गलत है।

बैठक के बाद अकाली दल के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष बलविंद्र सिंह भूंदड़ ने कहा कि यह केवल पार्टी का मुद्दा नहीं है, बल्कि सभी दल एकजुट हैं। भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सुझाव दिया कि इस विवाद को जल्दी समाप्त कर लिया जाए और प्रधानमंत्री या गृहमंत्री से समय लेकर इस पर बातचीत की जाए। जाखड़ ने कहा कि पंजाब के हितों को देखते हुए वह इस लड़ाई में सरकार के साथ खड़े हैं।

गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब के बीच केन्द्र सरकार के आदेश पर हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के बाद पंजाब पुलिस ने गुरुवार को भाखड़ा डेम के कार्यालय पर कब्जा कर ताला लगा दिया था। बीबीएमबी के कर्मचारी पानी छोड़ने के लिए डेम पहुंचे थे, लेकिन उन्हें वापस भेज दिया गया था। इस घटनाक्रम के बाद भाखड़ा जल विवाद ने एक नया मोड़ लिया है।

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