नई दिल्ली। क्रिकेट की दुनिया के एक महान गुरु, न्यूजीलैंड के पूर्व कोच डेविड ट्रिस्ट ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। 77 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया, जिसकी सूचना न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के माध्यम से दी।
ट्रिस्ट ने क्रिकेट इतिहास में अपनी खास जगह बनाई है। साल 2000 में उन्होंने न्यूजीलैंड को आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी (अब चैंपियंस ट्रॉफी) जिताकर पहली बार विश्व स्तर पर जीत दिलाई। यह न्यूजीलैंड पुरुष क्रिकेट टीम का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय खिताब था, जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया।
14 साल के दमदार क्रिकेट करियर के बाद कोचिंग में चमका नाम
ट्रिस्ट ने 14 साल तक कैंटरबरी की तरफ से तेज गेंदबाजी की। क्रिकेट के मैदान पर चमकने के बाद उन्होंने कोचिंग की दुनिया में कदम रखा। कैंटरबरी के अलावा दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और नीदरलैंड्स जैसी टीमों के साथ भी उन्होंने अपने अनुभव बांटे। 1999 में स्टीव रिक्सन की जगह न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय टीम के कोच बने और मात्र दो साल के कार्यकाल में टीम को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया।
2000 का फाइनल मैच — भारत को हराकर बनाया इतिहास
नैरोबी में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत को चार विकेट से हराकर ट्रिस्ट की टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती। इस मैच में क्रिस केयर्न्स के नाबाद शतक ने टीम को जीत की राह दिखाई। यह जीत न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक पल था, जिसने डेविड ट्रिस्ट को अमर कर दिया।
क्रिकेट के प्रति जुनून रहा कम नहीं
नेशनल टीम से विदाई के बाद भी डेविड ट्रिस्ट क्रिकेट से जुड़े रहे। वे क्राइस्टचर्च के ओल्ड कोलेजियंस क्रिकेट क्लब के कोचिंग डायरेक्टर रहे और भारत, इंग्लैंड में भी कोचिंग करते रहे, युवाओं को क्रिकेट की ट्रेनिंग देते रहे।
न्यूजीलैंड क्रिकेट ने जताया गहरा दुख
न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने अपने बयान में कहा, “पूर्व ब्लैककैप्स कोच डेविड ट्रिस्ट के निधन से हम बेहद saddened हैं। उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी। हम उनके परिवार और मित्रों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।”