नेपाल-चीन समझौते पर सत्तारूढ़ गठबंधन में विवाद

काठमांडू। नेपाल और चीन के बीच जनजातीय क्षेत्र में सहयोग और संबंधों को मजबूत करने के लिए हुए समझौते ने सत्तारूढ़ गठबंधन में विवाद खड़ा कर दिया है। यह समझौता नेपाल दौरे पर आए चीन के जनजातीय मामलों के मंत्री पान यू और नेपाल के राष्ट्रीय आदिवासी जनजाति आयोग के अध्यक्ष राम बहादुर थापा मगर के बीच संपन्न हुआ।

सोमवार को कैबिनेट बैठक में इस समझौते को मंजूरी दी गई और राष्ट्रीय आदिवासी जनजाति आयोग को इसके लिए अधिकृत किया गया। सरकार ने इसे बुधवार सुबह सार्वजनिक किया। हालांकि, कानून मंत्री अजय चौरसिया ने मीडिया से इस समझौते की जानकारी मिलने पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस बारे में न तो प्रधानमंत्री और न ही संबंधित विभागीय मंत्री ने कोई जानकारी दी थी।

कांग्रेस के किसी भी मंत्री को इस समझौते की सूचना नहीं थी। गृहमंत्री और नेपाली कांग्रेस के नेता रमेश लेखक ने भी इस मामले से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि न केवल चीन के साथ हुए समझौते की जानकारी उन्हें नहीं थी, बल्कि चीन के मंत्री के नेपाल दौरे की खबर भी उन्हें मीडिया से ही मिली।

नेपाली कांग्रेस के महामंत्री गगन थापा ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा के लिए बैठक बुलाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली गठबंधन के अन्य दलों से विचार-विमर्श किए बिना इस तरह के फैसले लेते रहे, तो भविष्य में गठबंधन को लेकर कोई ठोस निर्णय लेना होगा।

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